बिहार में हरिहर क्षेत्र का सोनपुर मेला इस बार 32 दिवसीय होगा!
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर हर वर्ष एशिया के सबसे बड़े हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले का शुभारंभ होता है. इस 32 दिवसीय मेले की शुरुआत इस वर्ष 25 नवंबर से होगी और यह 26 दिसंबर तक चलेगा. इस दौरान मेले में आकर लोग पशुओं की खरीददारी के साथ ही का अन्य इवेंट का भी लुत्फ उठा सकते हैं. यह मेला पर्यटन विभाग व सारण जिला प्रशासन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जाता है.
ऐसे में इस मेले के शांतिपूर्ण संचालन के लिए डीएम अमन समीर ने गठित दर्जन भर कोषांगों के पदाधिकारियों के साथ बीते दिनों एक बैठक की थी. इस बैठक में उन्होंने सभी कोषांगों के वरीय पदाधिकारियों को ससमय कार्यों के निष्पादन का निर्देश देते हुए उनके कार्यों एवं दायित्वों की जानकारी दी. बताया गया कि मेला उद्घाटन के दौरान डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ओर कला संस्कृति मंत्री जितेंद्र कुमार राय भी मौजूद होंगे.
अधिकारियों को दी गई जिम्मेदारी
- 25 नवंबर से 26 दिसंबर तक उद्घाटन तथा समापन समारोह के लिए स्वागत समिति कोषांग के वरीय प्रभारी सह डीटीओ एवं प्रभारी पदाधिकारी छपरा सदर डीसीएलआर को मेला में आये विशिष्ट एवं गणमान्य अतिथियों के स्वागत के संबंध में निर्देश दिया गया.
- उद्घाटन एवं समापन समारोह कोषांग के प्रभारी पदाधिकारी सह जिला भूअर्जन पदाधिकारी को मेले का सुव्यवस्थित ढ़ंग से उद्घाटन एवं समापन कराना तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन जिला भूअर्जन पदाधिकारी को कराने की जिम्मेवारी दी गयी.
- मेले में प्रत्येक दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन को ले अतिरिक्त प्रभारी पदाधिकारी का दायित्व जिला जनसंपर्क पदाधिकारी को दिया गया.
दो जोन तथा 10 सब जोन में बांटकर मेले में सफाई-विद्युत, सुरक्षा की होगी व्यवस्था
सोनपुर मेला के दौरान सफाई एवं पेयजल आपूर्ति के प्रभारी पदाधिकारी के रूप में जिला भूअर्जन पदाधिकारी सोनपुर डीसीएलआर को जिम्मेवारी दी गयी है. मेले में सफाई व्यवस्था सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए मेला क्षेत्र को दो जोन तथा सब जोन में बांटते हुए तैयारी देने का निर्देश दिया है. स्नान घाट निर्माण, घाट सुरक्षा के प्रभारी पदाधिकारी के रूप में डीआरडीए निदेशक, सोनपुर एसडीओ, आपदा विभाग के पदाधिकारी, भवन निर्माण के कार्यपालक अभियंता को नामित किया गया है.
मेला के दौरान गंडक नदी के सभी घाटों एवं पहलेजा घाट में स्नान घाट निर्माण एवं सुरक्षा हेतु बैरिकेटिंग का काम जिला प्रशासन द्वारा कराया जाना है. इस दौरान बैरिकेटिंग के लिए चिह्नित क्षेत्रों की सतत निगरानी की जायेगी. अस्थायी विद्युत कोषांग को मेले में अस्थायी विद्युतीकरण, मेला क्षेत्र में पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था, सरकारी प्रदर्शनी एवं स्टॉल के नकास क्षेत्र में लगाये जाने के लिए पर्यटन विभाग के इवेंट मैनेजर से समन्वय स्थापित कर संबंधित विभागों एवं संस्थाओं को प्रदर्शनी लगाने हेतु आवश्यक निर्णय लिया गया.
मेले में सरकारी स्कूलों के बाल कलाकार बिखेरेंगे जलवा
इस बार सोनपुर मेले में सारण के सरकारी स्कूलों के बाल कलाकार अपनी प्रतिभा दिखायेंगे. कलाकारों को चयनित करने की जिम्मेवारी जिला शिक्षा पदाधिकारी को दी गयी है. जिला शिक्षा पदाधिकारी के आदेश पर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी धनंजय पासवान समग्र शिक्षा अभियान ने तैयारी शुरू कर दी है. उन्होंने एक पत्र जारी करते हुए सभी हेड मास्टरों से कहा है कि अपने-अपने स्कूलों के वैसे बाल कलाकारों की सूची कार्यक्रम के साथ कार्यालय को उपलब्ध कराएं ताकि चयनित किया जा सके.
15 तक उपलब्ध करानी है सूची
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने बताया कि हर साल सोनपुर मेले में सरकारी स्कूलों के बच्चों के द्वारा भव्य प्रदर्शनी लगाई जाती है और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जाती है. इस बार भी सभी सरकारी स्कूल और प्राइवेट स्कूलों समेत अन्य शैक्षणिक संस्थानों से कलाकारों की सूची मांगी गयी है. सभी हेड मास्टर और स्कूल संचालक को 15 नवंबर के पहले यह सूची उपलब्ध करा देनी होगी ताकि कार्यक्रमों का चयन कर आगे की कार्रवाई की जा सके. इस बार 25 नवंबर से लेकर 26 दिसंबर तक यानी कुल 32 दोनों का हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला लग रहा है.
संगीत शिक्षकों का भी रहता है सहयोग
हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला में शैक्षणिक व अन्य विभागों का कार्यक्रम अधिकतर दिन में ही रहता है. इन कार्यक्रमों में सारण के विभिन्न स्कूलों में नियुक्त संगीत शिक्षकों की भी भूमिका अहम रहती है. इस बार संभावना जतायी जा रही है कि अधिक से अधिक संगीत शिक्षकों की प्रति नियुक्ति की जायेगी ताकि प्रतिनिधित्व बेहतर हो सके.