बेटों ने ठुकराया, फिर भी वृद्धाश्रम में माताएं कर रही हैं जितिया व्रत

बेटों ने ठुकराया, फिर भी वृद्धाश्रम में माताएं कर रही हैं जितिया व्रत

श्रीनारद मीडिया, स्टेट डेस्क 

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

भागलपुर: आधुनिकता और बदलते समाज में जहां कई बुजुर्ग माताएं अपने बच्चों के द्वारा त्याग दी जा रही हैं, वहीं इन माताओं का अपने बच्चों के प्रति प्रेम और ममता कम नहीं हो रही है। भागलपुर के वृद्धाश्रम में रह रही माताओं ने कठिन जितिया व्रत रखा है, जो कि अपने बच्चों की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए किया जाता है।

माताएं निर्जला रहकर इस कठोर व्रत का पालन कर रही हैं, यह जानते हुए भी कि उनके अपने बेटों ने उन्हें वृद्धाश्रम में छोड़ दिया है। उनकी यह अटूट ममता और समर्पण समाज को सोचने पर मजबूर करता है कि माताओं का प्रेम निस्वार्थ होता है।

वृद्धाश्रम में रह रही 70 वर्षीय सावित्री देवी कहती हैं, “भले ही मेरे बेटे ने मुझे यहां छोड़ दिया हो, पर मैं मां हूं, उसकी लंबी उम्र और खुशहाल जीवन की कामना करती हूं।”

इसी तरह अन्य माताओं का भी कहना है कि चाहे उनकी परिस्थितियाँ कैसी भी हों, वे अपने बच्चों के लिए हमेशा प्रार्थना करती रहेंगी। वृद्धाश्रम के कर्मचारियों ने बताया कि जितिया व्रत के दौरान माताएं पूरे दिन निर्जला रहकर पूजा-पाठ करती हैं और अपने बेटों की खुशहाली की कामना करती हैं।

यह व्रत माताओं की निष्ठा और त्याग का एक उदाहरण है, जो समाज में बच्चों और माता-पिता के बीच के संबंधों को फिर से सोचने पर मजबूर करता है।

 

Leave a Reply

error: Content is protected !!