सोरेन सरकार ने झारखंड विधानसभा में जीता विश्वास मत
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
झारखंड में जारी राजनीतिक अस्थिरता के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अगुवाई वाली महागठबंधन की सरकार ने सोमवार को विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया. विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 48 लोगों ने मतदान किया, जबकि इसके विरोध में एक भी वोट नहीं पड़ा. मतविभाजन से पहले भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी दलों ने सदन से वाकआउट किया.
भगोड़े जा रहे हैं
विपक्ष के वाकआउट करने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत कई विधायकों ने विरोधी दल पर तंज कसा- भगोड़े जा रहे हैं. सदन छोड़कर भाग रहे हैं. स्पीकर रवींद्रनाथ महतो की ओर से ध्वनिमत से विश्वास प्रस्ताव पर मतविभाजन की कोशिश की गयी, लेकिन सदस्यों की मांग पर मतविभाजन कराया गया. आसन की ओर से विधायकों को अपनी-अपनी सीट पर खड़े होने के लिए कहा गया. विधायकों की संख्या की गिनती की गयी.
प्रस्ताव के पक्ष में पड़े 48 वोट
स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने मतों की गिनती के बाद घोषणा की कि विश्वास मत के पक्ष में 48 मत पड़े और विपक्ष में 0 मत प्राप्त हुए. इसके साथ ही स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने सभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया. इससे पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके नेताओं पर जमकर निशाना साधा. कहा कि इनका प्रधानमंत्री राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ झगड़ने में व्यस्त है. ऐसे में राज्यों का क्या खास विकास होगा.
आदिवासी को राष्ट्रपति बनाकर आदिवासी मुख्यमंत्री को सत्ता से बेदखल करना चाहते हैं
हेमंत सोरेन ने कहा कि हम सुखाड़ पर चर्चा के लिए भी तैयार थे. लेकिन, इन्हें लूटकर खाने की आदत रही है. ये वही सामंतवादी और मनुवादी लोग हैं, जिनकी वजह से न तो आज तक कोई आदिवासी, दलित आगे आ पाया. उन्होंने कहा कि ये लोग आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनाकर आदिवासी मुख्यमंत्री की सत्ता छीनने की कोशिश कर रहे हैं. इनके मुख में राम, बगल में छुरी है.
भ्रष्ट लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती हेमंत सोरेन सरकार, बोले सरयू राय
जिन लोगों ने सरकार पर विश्वास किया, आज उनके प्रश्नों का जवाब नहीं है. मंत्रियों के भ्रष्ट आचरण के प्रमाण के बावजूद सरकार कार्रवाई नहीं कर रही. मैं कहना चाहता हूं कि ये सरकार हमारे सवालों पर कार्रवाई करे. सरकार के पास अपार बहुमत है. कहां संकट है इनकी सरकार गिरने का. जो चुनी हुई सरकारें हैं, उनको गिराने का कोई प्रयास नहीं होना चाहिए.
सरयू राय बोले- सदन खत्म होने के बाद ये लोग कहां जायेंगे
अगर अध्यक्ष उचित मानते हैं, तो उस पर चर्चा होती है. मेरे सहित कई लोगों ने सरकार में विश्वास किया. हमने सदन में प्रश्न किये, उसके जवाब आये. अब तक किसी प्रस्ताव पर सरकार ने कार्रवाई नहीं की. सरकार के अधिकारी ने सदन को झूठे जवाब का कूड़ेदान बना दिया है. विश्वास प्रस्ताव पर प्रश्न उठे हैं कि क्यों लाये ये प्रस्ताव. मेरे मन में भी है ये सवाल. सदन में विश्वास का मत रखा गया. उसके पहले सत्ता दल के विधायक रायपुर गये. सर्किट हाउस में रुके. सदन खत्म होने के बाद ये लोग कहां जायेंगे.
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि उनकी सरकार 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीय नीति और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण पर बहुत जल्द प्रस्ताव लाने जा रही है. अपनी सदस्यता पर जारी संशय के बीच मुख्यमंत्री ने राज्यपाल की भूमिका पर सवाल उठाये. साथ ही समरीलाल की सदस्यता के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से सवाल भी पूछे.
गिरगिट से ज्यादा रंग बदलते हैं बाबूलाल मरांडी: हेमंत सोरेन
हेमंत सोरेन ने बाबूलाल मरांडी को गिरगिट की संज्ञा दे डाली. कहा कि गिरगिट भी इतना रंग नहीं बदलता, जितना बाबूलाल मरांडी रंग बदलते हैं. मुख्यमंत्री ने आजसू नेता सुदेश महतो को भी आड़े हाथ लिया. कहा कि आदिवासी-मूलवासी के सबसे बड़े नेता सुदेश महतो का हमेशा प्रयास रहा है कि उनके दोनों हाथों में लड्डू रहे. ऐसे ही लोगों की वजह से इस राज्य की जनता को हर बार छला गया है.
1932 का खतियान जरूरी
झारखंड के सीएम ने कहा कि 1932 का खतियान जरूरी है. आदिवासियों की जमीन की रक्षा के लिए सीएनटी-एसपीटी ऐक्ट जरूरी है. ओबीसी आरक्षण जरूरी है. उन्होंने बाबूलाल मरांडी से पूछा कि वे इस बात का जवाब दें कि ओबीसी आरक्षण को किसने घटाया. उन्होंने कहा कि जल्द ही उनकी सरकार 1932 का खतियान और ओबीसी आरक्षण बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव लायेगी.