भोजपुरी,मगही पर सोरेन का बयान निंदनीय, बिहार का अपमान – सुशील कुमार मोदी
– लालू प्रसाद और कांग्रेस भाषा के मुद्दे पर रुख साफ करें
– प्रधानमंत्री मोदी के हाथों हिंदी सहित सभी भारतीय भाषाओं का हित सुरक्षित
श्रीनारद मीडिया‚ सेंट्रल डेस्कः
झारखंड सरकार के मुखिया हेमंत सोरेन ने मगही-भोजपुरी के विरुद्ध बोल कर जो भाषाई असहिषणुता प्रकट की, वह एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के लिए सर्वथा अनुचित, अशोभनीय और निंदनीय है।
ऐसी शर्मनाक टिप्पणी के लिए हिंदी दिवस को चुनना बिहार और सभी हिंदी प्रेमियों का अपमान है।
भोजपुरी बोलकर वोट लेने वाले लालू प्रसाद बतायें कि क्या वे हेमंत सोरेन के बयान का समर्थन करते हैं?
सोरेन सरकार में शामिल कांग्रेस और राजद को
भाषा के सवाल पर अपना रुख साफ करना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र जैसे वैश्विक मंच पर सबसे पहले अटल बिहारी वाजपेयी ने हिंदी में भाषण किया और वर्ष 2014 से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी अन्तरराष्ट्रीय मंचों पर हिंदी में संवाद कर राष्ट्रभाषा का मान बढा रहे हैं।
बिहार पहला राज्य है, जिसने सभी भाषाओं-बोलियों को साथ लेकर चलने वाली हिंदी को आधिकारिक राजभाषा के रूप में स्वीकार किया।
एनडीए सरकार के समय संसद में हिंदी बोलने वालों की संख्या बढी और प्रधानमंत्री मोदी ने मेडिकल-इंजीनियरिंग जैसे 11 तकनीकी विषयों की पढाई मातृभाषा में शुरू करने की नीति इसी सत्र से लागू की।
हिंदी और सभी भारतीय भाषाओं का हित इस समय राजनीतिक रूप से सबसे समर्थ हाथों में सुरक्षित है।
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