बिना पहचान पत्र वाले टीकाकरण से वंचित लोगों के टीकाकरण का होगा विशेष इंतजाम

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राज्य स्वास्थ्य समिति ने पत्र जारी कर सिविल सर्जन को दिया जरूरी दिशा निर्देश:
खानाबदोश आदिवासी, भिखारी सहित मानसिक रोगियों को चिह्नित कर लगाया जायेगा टीका:

श्रीनारद मीडिया, अररिया, (बिहार):


जिले में कोरोना महामारी की दूसरी लहर लगभग थम चुकी है। हालांकि संक्रमण का खतरा फिलहाल पूरी तरह नहीं टला है। विशेषज्ञ संक्रमण की तीसरे लहर की आशंका जाहिर कर रहे हैं। लिहाजा संक्रमण से आम लोगों के बचाव के लिये जरूरी तैयारियां की जा रही हैं। गौरतलब है कि कोरोना से बचाव के लिये टीकाकरण एक महत्वपूर्ण हथियार साबित हुआ है। लिहाजा केंद्र व राज्य की सरकार अधिक से अधिक लोगों का टीकाकरण सुनिश्चित कराने की कोशिशों में जुटी है। इसे लेकर जिले में लगातार अभियान संचालित किये जा रहे हैं। बावजूद इसके जिले की अधिकांश आबादी अब भी टीकाकरण से वंचित हैं। इसमें खासतौर पर ऐसे लोगों की संख्या अधिक है जिनके पास टीकाकरण के लिये कोई वैध पहचान पत्र उपलब्ध नहीं हैं। जिले में खानाबदोश आदिवासी, इधर-उधर घूम कर जीवनयापन करने वाले साधु-महात्मा, भीख मांग कर गुजारा करने वाले लोग या पुनर्वास केंद्र में रहे रहे लोग सहित मानसिक रोगियों की एक बड़ी आबादी अब भी टीकाकरण से वंचित है। ऐसे लोगों को ध्यान में रखते हुए प्राथमिकता के आधार पर इनका टीकाकरण सुनिश्चित कराने के लिये राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने जिलाधिकारी व सिविल सर्जन को जरूरी दिशा निर्देश दिया है।

जरूरी दस्तावेज नहीं होने वाबजूद ले सकेंगे टीका:
इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ एमपी गुप्ता ने बताया कि कोरोना महामारी को जड़ से खत्म करने के लिये शतप्रतिशत लोगों का टीकाकरण जरूरी है। राज्य स्वास्थ्य समिति ने 18 साल से अधिक आयु वर्ग के उन तमाम लोगों का चिह्नित करने का निर्देश दिया है जो जरूरी दस्तावेज के अभाव में अब तक टीकाकरण से वंचित हैं। इसके लिये इधर-उधर घूम कर जीवनयापन करने वाले आदिवासी, साधु-महात्मा, मानसिक रोगी, सड़क किनारे जीवनयापन करने वाले भिखारी, जेल में बंद कैदी व पुनर्वास केंद्र में रह रहे 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को चिह्नित किया जाना है। ताकि उनका टीकाकरण सुनिश्चित कराया जा सके।

विभिन्न सामाजिक संस्थाओं से ली जायेगी मदद:
डीआईओ डॉ मोईज के मुताबिक टीकाकरण से वंचित इस श्रेणी के लोगों को चिह्नित करने के लिये विभिन्न गैर सरकारी व स्वैच्छिक सामाजिक संस्थाओं से जरूरी मदद ली जायेगी। ताकि वंचित लोगों की लाइन लिस्ट तैयार की जा सके। इसके आधार पर कोविन पोर्टल पर सत्र का निर्धारण कर उनका टीकाकरण किया जायेगा। वैसे व्यक्ति जिनके पास पहचान नहीं है। उन्हें चिह्नित करने के लिये एक अनुश्रवण पत्र दिया गया है। इसमें जिला का नाम सहित लाभुक से संबंधित अन्य विवरण दर्ज किया जाना है।

 

 

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