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किसान आंदोलन से जुड़ी खास खबर ,सुप्रीम कोर्ट के सामने नोएडा की महिला बोली- साहब मैं क्या करूं, महिला का दर्द सुनकर कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब, पूरी जानकारी –

किसान आंदोलन से जुड़ी खास खबर ,सुप्रीम कोर्ट के सामने नोएडा की महिला बोली- साहब मैं क्या करूं, महिला का दर्द सुनकर कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब, पूरी जानकारी –

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श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्‍क:

तीन कृषि कानून को लेकर किसान करीब 10 महीनों से सड़कों पर बैठे हुए हैं। ना तो सरकार (Government) पीछे हट रही है और ना ही किसान। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दखल दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार और न्यायपालिका से सवाल पूछते कहा, “आखिर कोई भी हाईवे को रोजाना जाम कैसे कर सकता है।” इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार और न्यायपालिका से जवाब मांगा है। अगली सुनवाई अब 4 अक्टूबर को होगी।

“20 मिनट का सफर 2 घंटे में तय”

दरअसल, नोएडा में रहने वाली एक महिला ने सुप्रीम कोर्ट में शिकायत दाखिल करते हुए कहा, “उनको नोएडा से दिल्ली जाने में 20 मिनट का समय लगता है लेकिन आए दिन हाईवे पर किसानों का जमावड़ा लगा रहता है। जिसके कारण उनको अब 20 मिनट का सफर 2 घंटे में तय करना पड़ता है।”

4 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई

महिला द्वारा शिकायत मिलने पर सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आगे की कार्रवाई करने का आदेश दिया है। इस मामले में केंद्र सरकार और न्यायपालिका से भी जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई 4 अक्टूबर की रखी है। जिसमें केंद्र सरकार और न्यायपालिका अपना जवाब सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश करेगी।

“न्यायपालिका कानून पर अमल करवाए”

गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एसके कौर की अगुवाई में सुनवाई करते हुए कहा, “महिला की शिकायत के अनुसार हाईवे पर लगातार और रोजाना प्रदर्शनकारी रोड जाम कर रहे हैं। आखिरकार कैसे कोई भी प्रदर्शनकारी रोजाना हाईवे को ब्लॉक कर सकता है। न्यायपालिका की ड्यूटी है कि वह कोर्ट द्वारा कानून व्यवस्था को लागू कराए। चाहे फिर उसके लिए कोई भी कार्रवाई करें लेकिन हाईवे पर जाम नहीं होना चाहिए।

केंद्र सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए आगे कहा, “केंद्र सरकार किसानों के इस मामले में किसान संगठनों को पक्षकार बनाएं। क्या इस समस्या का कोई भी समाधान नहीं है। इस बारे में केंद्र सरकार कोई रास्ता निकालें। यह समस्या का अंत क्या है। सुप्रीम कोर्ट सिर्फ कानून बना सकती है। इस पर अमल करने का काम पुलिस और व्यवस्था का है। यह काम न्यायपालिका का है कि वह कानून को किस प्रकार से अमल करवाएगी।”

केंद्र सरकार को जल्दी निर्णय लेना होगा

सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा, “अगर हम जब इस मामले में कानून बनाएंगे तो सरकार कहेगी कि यह हमारे अधिकार क्षेत्र में दखल है और कार्यपालक के काम में दखल दे रहे हैं। इसलिए इस पर केंद्र सरकार जल्दी को निर्णय लेना होगा।

कोई नहीं कर सकता हाईवे जाम

सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा, “किसानों को प्रदर्शन करने का पूरा अधिकार है लेकिन सड़कों को अनिश्चितकालीन समय तक ब्लॉक नहीं कर सकते। इस मामले में केंद्र सरकार और इससे संबंधित सभी को जल्द से जल्द समाधान करें। इस मामले में पहले भी कोर्ट ने कहा था कि किसानों की समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान किया जाए।

 

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