प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर पर विशेष
श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्म महेसाना जिला के वडनगर ग्राम में 17 सितंबर 1950 को हुआ था। उनका पूरा नाम नरेन्द्र दामोदार मोदी। उनके पिता का नाम दामोदर मूलचंद मोदी और माता का नाम हीराबेन मोदी है। पीएम मोदी की मां हीराबा का जन्म 18 जून 1923 को हुआ था।
निजी जीवन
पूरा नाम- नरेंद्र मोदी
जन्म तिथि – 17 Sep 1950
जन्म स्थान – वडनगर, मेहसाना (गुजरात)
पार्टी का नाम – (Bharatiya Janta Party)
शिक्षा – Post Graduate
पिता का नाम – दामोदरदास मूलचंददास मोदी
माता का नाम – Smt. Hiraben Damodardas Modi
जीवनसाथी का नाम – श्रीमती जशोदाबेन मोदी
सम्पर्क स्थाई पता
C-1, सोमेश्वर टेनमेंट, राणिप, अहमदाबाद गुजरात – 382 480
वर्तमान पता
7, लोक कल्याण मार्ग, नई दिल्ली – 110 011
1960
मोदी ने बचपन में वडनगर रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने में अपने पिता की मदद की। बाद में वह बस स्टैंड के पास अपने भाई के साथ एक चाय स्टॉल चलाने लगे।
1967 उन्होंने वडनगर में अपनी उच्च माध्यमिक शिक्षा पूरी की। पारिवारिक तनाव के कारण, उन्होंन घर छोड़ दिया। मोदी ने उत्तरी और उत्तर-पूर्वी भारत में यात्रा के दौरान लगभग दो साल बिताए।
1975 आरएसएस द्वारा नरेंद्र मोदी को “गुजरात लोक संघ समिति” का महासचिव नियुक्त किया गया था। आपातकाल के दौरान, गिरफ्तारी से बचने के लिए मोदी को अंडरग्राउंड होने के लिए मजबूर होना पड़ा। वह सरकार का विरोध करने वाली पैम्फलेट की प्रिंटिंग में शामिल थे।
1978 वे आरएसएस के संभाग प्रचारक बने। सूरत एवं वडोदरा में होने वाले संघ के कार्यक्रमों में वे बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने लगे।
1979 में वह आरएसएस संभग प्रचारक बन गए। सूरत और वडोदरा के क्षेत्रों में आरएसएस गतिविधियों से जुड़ गये। वह दिल्ली में आरएसएस के लिए काम करने गये। जहां उन्हें आपातकाल के इतिहास के बारे में आरएसएस के संस्करण का शोध और लेखन के लिए रखा गया था।
1985 मोदी को आरएसएस ने बीजेपी को सौंपा था। बाद में 1987 में मोदी ने अहमदाबाद नगरपालिका चुनाव में बीजेपी के अभियान को व्यवस्थित करने में मदद की और बीजेपी ने चुनाव में जीत दर्ज की।
1986 LK आडवाणी के बाद, मोदी भाजपा के अध्यक्ष बने उस समय आरएसएस ने बीजेपी के भीतर अपने सदस्यों को महत्वपूर्ण पदों पर रखने का फैसला किया।
1987 मोदी को बीजेपी की गुजरात इकाई के ऑर्गेनाइजिंग सचिव के रूप में निर्वाचित किया गया था
1990 मोदी ने 1990 में लालकृष्ण आडवाणी की राम रथ यात्रा और 1991 में मुरली मनोहर जोशी की एकता यात्रा आयोजित करने में मदद की।
1995 वह भाजपा के राष्ट्रीय सचिव चुने गए और नई दिल्ली चले गए। उन्होंने हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के चुनाव अभियान का नेतृत्व किया। मोदी को 1996 में बीजेपी के महासचिव (संगठन) के रूप में पदोन्नत दिया गया।
2001 केशुभाई पटेल का स्वास्थ्य खराब हुआ और बीजेपी ने उप-चुनावों में कुछ राज्य विधानसभा सीटें खो दी। बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने पटेल की जगह मोदी को गुजरात के मुख्यमंत्री की कमान सौंप दी। 7 अक्टूबर 2001 को मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। 24 फरवरी 2002 को, उन्होंने राजकोट – द्वितीय निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव जीता। उन्होंने कांग्रेस के अश्विन मेहता को 14,728 मतों से पराजित किया। यह उनकी पहली और बहुत छोटी समयसीमा थी।
2002 में उन्होंने मणिनगर से चुनाव लड़ा और बेहतरीन जीत दर्ज की। उन्होंने कांग्रेस के ओझा यतिनभाई नरेंद्र कुमार को 38256 मतों से पराजित किया। उन्हें गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में दूसरी पारी के लिये भी चुना गया।
2007 23 दिसंबर 2007 को, मुख्यमंत्री के रूप में मोदी का तीसरा कार्यकाल शुरू हुआ और 20 दिसंबर 2012 को पूरा हुआ। इस बार फिर उन्हें मणिनगर से जीत हासिल हुई। उन्होंने कांग्रेस के दिनशा पटेल को हराया।
2012 मोदी फिर से मणिनगर से चुने गए। इस बार उन्होंने भट्ट श्वेता संजीव को 34097 मतों से पराजित किया। उन्होंने फिर से मुख्यमंत्री के रूप में चौथे कार्यकाल के लिये शपथ ली। बाद में उन्होंने 2014 में विधानसभा से इस्तीफा दे दिया।
2014 नरेंद्र मोदी 14वें और भारत के वर्तमान प्रधान मंत्री के रूप में चुने गए। मोदी ने 26 मई 2014 को भारत के प्रधान मंत्री के रूप में शपथ ली थी। वह ब्रिटिश साम्राज्य से भारत की आजादी के बाद पैदा हुए पहले प्रधान मंत्री बने।
2019 30 मई को नरेंद्र मोदी ने फिर से प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और 31 मई को कैबिनेट का विस्तार किया। पीएमओ के अलावा डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी, मिनिस्ट्री ऑफ पर्सनल, पब्लिक ग्रिएवांसेस एंड पेंशन, डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस और वो सभी मंत्रालय स्वयं के पास रखे, जो किसी अन्य मंत्री को आवंटित नहीं हुए।
2019 23 मई को नरेंद्र मोदी एक बार फिर वाराणसी से सांसद चुने गये। उन्होंने लोकसभा चुनाव में वाराणसी सीट पर कांग्रेस के नेता अजय राय को हराया। इसी जीत के साथ उन्हें फिर से भारत का प्रधानमंत्री चुना गया।
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