Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
विश्व विकलांग दिवस पर विशेष : विकलांगता नहीं कोई सामाजिक कलंक - श्रीनारद मीडिया

विश्व विकलांग दिवस पर विशेष : विकलांगता नहीं कोई सामाजिक कलंक

विश्व विकलांग दिवस पर विशेष : विकलांगता नहीं कोई सामाजिक कलंक

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

– हर साल 3 दिसंबर को मनाया जाता है विश्व विकलांग दिवस,
– फाइलेरिया भी बना देती है व्यक्ति को विकलांग के समान, सजगता से फाइलेरिया बीमारी से बचा जा सकता है : डॉ मुकेश

श्रीनारद मीडिया‚ मधेपुरा‚ (बिहार):

आँकड़ों के अनुसार लगभग पूरी दुनिया के 15% लोग विकलांग हैं। इसलिये, विकलांगजनों की वास्तविक स्थिति के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 3 दिसंबर को विश्व विकलांगता दिवस मनाया जाता है।

फाइलेरिया रोग को हल्के में ना लें, बना सकता है विकलांग –

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मुकेश कुमार सिंह कहते हैं कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है। ये साइलेंस रहकर शरीर को खराब करती है। यही कारण है कि इस बीमारी की जानकारी समय पर नहीं हो पाती जो आगे चलकर विकलांगता का कारण भी बनती है। हालांकि सजगता से फाइलेरिया बीमारी से बचा जा सकता है। डाॅ मुकेश बताते हैं कि सामान्यतः फाइलेरिया के कोई लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते। हालांकि बुखार, बदन में खुजली और पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द व सूजन की समस्या होती है। इसके अलावा पैरों और हाथों में सूजन, हाइड्रोसिल (अंडकोषों की सूजन) भी फाइलेरिया के लक्षण हैं। चूंकि इस बीमारी में हाथ और पैरों में हाथी के पांव जैसी सूजन आ जाती है, इसलिए इस बीमारी को हाथीपांव के नाम से भी जाना जाता है।

फाइलेरिया से बचाव के उपाय –

– फाइलेरिया चूंकि मच्छर के काटने से फैलता है, इसलिए बेहतर है कि मच्छरों से बचाव किया जाए। इसके लिए घर के आस-पास व अंदर साफ-सफाई रखें।
– पानी जमा न होने दें और समय-समय पर कीटनाशक का छिड़काव करें। पूरी आस्तीन के कपड़े पहनकर रहें।
– सोते वक्त हाथों और पैरों पर व अन्य खुले भागों पर सरसो या नीम का तेल लगाएं।
– हाथ या पैर में कही चोट लगी हो या घाव हो तो उसे साफ रखें। साबुन से धोएं और फिर पानी सुखाकर दवा लगाएं।

फाइलेरिया खत्‍म करने के लिए दवा का सेवन सबसे महत्वपूर्ण –

जिले की फाइलेरिया मुक्त करने की दिशा में सर्वजन दवा सेवन यानी एमडीए अभियान का संचालन गत सितंबर एवम् अक्टूबर माह में किया गया था। इस अभियान में जिले में 21.76 लाख लोगों को फाइलेरिया उन्मूलन हेतु डीईसी एवम् एलबेंडाजोल की गोली खिलाई जानी थी। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मुकेश कुमार सिंह ने बताया गत सितंबर एवम् अक्टूबर माह में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान चलाकर लोगों को उनके घर पर ही डी. ई. सी. एवम् एलबेंडाजोल की गोली का सेवन आशा कार्यकर्त्ता के द्वारा कराया गया था। शत प्रतिशत लक्षित जनसंख्या को दवा का सेवन सुनिश्चित कराने को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी 13 प्रखंडों के चिकित्सा पदाधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए गए थे। डॉ मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि पूर्व की तरह तय मानकों के अनुसार आशा कार्यकर्ता ने पात्र लाभुकों को घर घर जाकर दवा का सेवन करवाया। दवा सेवन के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का भी ध्यान रखा गया था। इस अभियान का मापअप राउंड गत 25 नवंबर को खत्म हुआ है।

केस स्टडी
फाइलेरिया पीड़ित 52 वर्षीया नमिता ने 20 अक्टूबर दवा सेवन कर दिया था जागरूकता का संदेश:

नगर पर्षद क्षेत्र वार्ड संख्या 4 की निवासी 52 वर्षीया नमिता राय, (पति – विपीन राय) ने 20 अक्टूबर को डीईसी एवम् एलबेंडाजोल की दवा का सेवन कर जागरूकता का संदेश दिया था। नमिता राय खुद फाइलेरिया यानी हाथीपांव से पीड़ित हैं । पिछले 1 वर्ष से उसके बाएं पैर में सूजन है। दवा का सेवन कर नमिता ने बताया था कि जब उसे यह पता चल की वाह फाइलेरिया नामक रोग से पीड़ित है तब से वह लगातार डॉक्टर से संपर्क में रहती है एवं उनके द्वारा बताए गए दवा तथा उपायों को अपनाती आ रही है। नमिता को यह पता है कि इस रोग से उसे निजात तो कभी नहीं मिलेगी लेकिन फिर भी वो डॉक्टर द्वारा बताए गए दवा के अलावा हर साल डीईसी एवम् एलबेंडाजोल का सेवन करती है। यह रोग उसके परिवार के किसी और सदस्य या रिश्तेदारों को ना हो इसके लिए नमिता सभी को जागरूक करने का कार्य करती है। 20 अक्टूबर को भी नमिता ने आशा कार्यकर्ता द्वारा दिए गए दवा को खाकर जागरूकता का संदेश दिया। मौके पर स्वास्थ्य विभाग के कर्मी उपस्थित रहे थे।

यह भी पढ़े.

भगवानपुर प्रखंड के ग्राम कचहरी से जीते सरपंच की सूची

 भगवानपुर हाट प्रखंड में किस पंचायत में कौन मुखिया बना, किसको कितना मिला मत पढ़े खबर

दुल्हन शादी के दौरान बोली- नाइट सूट में लूंगी फेरे, वायरल हुआ वीडियो

भगवानपुर हाट प्रखंड के तीन जिला परिषद सीट पर फजले अली, सुशील कुमार, बबीता देवी 2 हुई विजयी, किसको कितना मिला मत पढ़े खबर

भगवानपुर हाट के किस पंचायत से कौन बना बीडीसी, किसको कितना मिला मत पढ़े खबर

Leave a Reply

error: Content is protected !!