वर्ल्ड पाइल्स डे पर विशेष, पाइल्स मरीजों की संख्या क्यों बढ़ रही है
श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):
विश्व पाइल्स दिवस आज यानी 20 नवंबर को है। मुजफ्फरपुर एनएएमसीएच के सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ.आशुतोष दिनेन्द्र ने इस बीमारी से जुड़े कई चौंकाने वाले तथ्य बताए। उन्होंने बताया कि 10 साल पहले तक ओपीडी में रोजाना पाइल्स के करीब 5-10मरीज आते थे, लेकिन अब यह संख्या 25-30 तक पहुंच गई है।
खानपान से भी असर
डॉ. दिनेन्द्र ने बताया कि पाइल्स बढ़ने का कारण हमारे खानपान और लाइफ स्टाइल में बदलाव भी है। आज हम फल खाने के बजाय उनका जूस पीते हैं। इसमें फाइबर नहीं होता, जबकि हमारी बड़ी आंत के कोलन में सिर्फ फाइबर और पानी ही जाता है। फास्ट फूड के चलन और फिजिकल ऐक्टिविटीज कम होने से लोग पानी भी कम पीते हैं। इससे लोग पहले कब्ज और फिर पाइल्स के शिकार हो जाते हैं। इससे बचने के लिए फल-सब्जियां खाने के साथ ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं।
डॉ. दिनेन्द्र ने बताया कि आजकल लोग टॉइलट में मोबाइल लेकर जाते हैं। इस कारण वे टॉइलट में तीन गुना देर तक बैठते है। इससे पाइल्स का खतरा ज्यादा रहता है। इसका समाधान है कि टॉइलट में मोबाइल न चलाएं, अखबार और मैगजीन भी न पढ़ें। इसके साथ कमोड की जगह इंडियन सीट का प्रयोग करें।
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