राष्ट्रीय एकता के प्रतिक हैं मशाला मैन…
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
आज जहाँ एक ओर शहरों या बिकसित बाजारों में मॉल वाली चकाचौंध दुनिया मे लोग विश्वास करते नजर आ रहे हैं वही सुदूर गाँवो मे फेरी लगाकर घर घर घरेलु सामान पहुंचाने वालो का अपना एक अलग ही महत्व हैं, क्योंकी वे अपने व्यवहार के बदौलत वहाँ के लोगो का दिल जीत कर उन्हे सकारात्मक ढंग से प्रभावित करते हैं तथा उनपर विश्वाश जमा लेते है l
उक्त तर्ज पर मिशाल बनाने वाले समस्तीपुर निवासी मशाला मैन आमिर खान अन्य जगहो की भाँति हमारे गाँव मे उस समय से खड़ी मशालों को साईकिल पर लेकर आते हैं जब मेरा जन्म भी नही हुआ था अर्थात 1970 से अभी तक के 52 वर्षो का यह चलंत व्यापारिक सफर सफलता पूर्वक तय कर चुके है, बात चाहे किसी की शादी व्याह की हो या किसी भी उपलक्ष्य मे आयोजित भोज की हो, या दैनिक तौर पर प्रयोग मे लाने वाले मशाले की हो,लोग बड़ी चाव से इनसे खड़ी माशालों को खरीद कर उपयोग मे लाते है, सबसे बड़ी और अच्छी बात ये हैं की बहुत ही किफायती बाजार भाव से सस्ते दामो पर खड़ी माशालों को उपलब्ध करवाते हैं और किसी को शिकायत का मौका नही देते हैं l
पूछने पर इनका कहना हैं की यह बिजनेस उनके बाप दादा के जमाने से ही चली आ रही हैं, मेरी स्व दादी, मेरे स्व माता पिता सहित वर्तमान मे मेरे घर परिवार के सभी सदस्यों के दिलो पर राज करते हैं, लेकिन मायूस होकर अंत मे यही कहते नजर आते है की यह काम मेरे तक ही सीमित हैं, क्युकि हमारे सभी बच्चे बाहर कमा कर अपना जीवन बसर कर रहे हैं यहाँ तक की मुझे भी इस काम को करने के लिए मना करते है, लेकिन उनके मना करने के बाद भी मरते दम तक इस पुस्तैनी सफर को तय करूँगा, भले ही क्यूँ ना मेरे बाल बच्चे इस कार्य को जारी रखे या ना रखेl
भावुक अंदाज मे कहते हुए नजर आते हैं,हमे तो बहुत ही अच्छा लगता है की इस काम के बहाने सभी वर्ग, धर्म, जात बिरादरी के लोगो के बीच प्यार दुलार लेने और देने का मौका मिलता हैं और आपसी भाईचारा को देख आनंद मिलता हैं, जो मेरे लिए सौभाग्य की बात हैं l
इस आधार पर यह कहना जायज है की राष्ट्रीय एकता के प्रतिक हैं मशाला मैन आमिर खान, क्युकि आज तक मुझे इनका नाम तक मालूम नही था, बिते कल मेरे छोटे भाई ऋषि की शादी मे माशाला देने के संबंध मे इनका नाम मालूम चला तो अपने चाचा जी राज कुमार सिंह की उपस्थिति मे इनसे महत्व पूर्ण जानकारी लेकर यह लेख आप सबो को समर्पित करने पर आज मजबूर हो गया!
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