पूर्णिया को कालाजार मुक्त करने को लेकर शुरू हुआ सिंथेटिक पाइरोथाइराइड कीटनाशक दवा का छिड़काव
-रानीपतरा एपीएचसी स्थित परिसर से सीएस, एसीएमओ, डीएमओ ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखा कर प्रचार रथ को किया रवाना
-5 मार्च से 27 मई तक कालाजार से बचाव के लिए होगा कीटनाशक का छिड़काव
श्रीनारद मीडिया, पूर्णिया, (बिहार )
ज़िले को कालाजार मुक्त करने के लिए जिला से लेकर प्रखण्ड के विभिन्न गांवों के लोगों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। वर्तमान में जिला में कालाजार के मरीज़ों की संख्या मात्र 04 रह गई है। क्योंकि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा लगातार बैनर, पोस्टर के साथ ही प्रचार वाहन के माध्यम से गांव के हर गली व चौक चौराहों पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। जिस कारण कालाजार के मामलों में कमी आ रही है। सिविल सर्जन डॉ उमेश शर्मा ने बताया पूर्णिया को कालाजार से मुक्त करने की दिशा में स्वास्थ्य कर्मियों के अलावा विभागीय अधिकारी भी लगे हुए हैं। इसके लिए झुग्गी झोपड़ी व महादलित बस्तियों में रहने वाले लोगों को कालाजार से बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है।
प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया:
पूर्णिया पूर्व प्रखण्ड के रानीपतरा गांव स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर से सीएस डॉ उमेश शर्मा, एसीएमओ डॉ एसके वर्मा, डीएमओ डॉ आरपी मंडल, केयर इंडिया के डीपीओ चंदन कुमार सिंह एवं पूर्णिया पूर्व पीएचसी के एमओआईसी डॉ शरद कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर विधिवत रूप से कालाजार मुक्त अभियान का शुभारंभ किया। उसके बाद प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर वीडीसीओ रवि नंदन सिंह, पूर्णिया पूर्व पीएचसी के बीएचएम विभव कुमार, पीसीआई के आरएमसी गौरव किशन, सीफार के प्रमंडलीय समन्वयक धर्मेंद्र कुमार रस्तोगी, केयर इंडिया के बीएम शिव शंकर सहित कई अन्य मौजूद थे।
ज़िला को कालाजार मुक्त करने के लिए एक दूसरे का परस्पर सहयोग जरूरी: सीएस
वैश्विक महामारी कोविड-19 कोरोना संक्रमण के अलावा कालाजार से बचाव के लिए हमलोगों को गर्मी के दिनों में बहुत ज़्यादा सतर्कता बरतनी होगी। क्योंकि यह भी एक तरह से फैलने वाली संक्रामक जैसी बीमारी होती है। जो गर्मी के दिनों में बालू मक्खी के काटने से होती है। इसके लिए हमलोगों को अपने-अपने घरों में साफ सफ़ाई को लेकर विशेष ध्यान देने की जरूरत हैं। इसके साथ ही आसपास के बथान, दलान, मवेशियों के रहने वाला स्थान, नाला की सफाई सहित अन्य तरह के रहन-सहन में भी बदलाव करना अति आवश्यक है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के अलावे केयर इंडिया व पीसीआई का सहयोग लिया जाएगा। प्रखण्ड स्तर पर वेक्टर बॉर्न डिजीज सुपरवाइजर, बेसिक हेल्थ इंस्पेक्टर, बेसिक हेल्थवर्कर, केयर इंडिया के प्रखंड समन्वयक, एएनएम व आशा कार्यकर्ताओं के साथ ही पंचायत जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जाएगा।
पूर्णिया पूर्व प्रखंड के 19 पंचायतों के 29 गांवों में 9 टीम के द्वारा 05 मार्च से 27 मई तक किया जाएगा सिंथेटिक पाइरोथाइराइड छिड़काव: डीएमओ
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ आरपी मंडल ने बताया ज़िले के 333 आक्रांत गांवों में 81 भ्रमणशील टीम के द्वारा सिंथेटिक पाइरोथाइराइड का छिड़काव 05 मार्च से 27 मई तक किया जा रहा है। जबकिं पूर्णिया पूर्व प्रखण्ड के 01 लाख 75 हज़ार 08 सौ पचास जनसंख्या को 09 टीम के द्वारा 19 पंचायतों के 29 गांवों में एसपी का छिड़काव करना है। क्योंकि कालाजार से बचने के लिए इससे बेहतर कोई भी विकल्प नहीं है। इसके साथ ही बचाव के लिए हम सभी को भी सतर्क रहना जरूरी है।
कालाजार के निम्न लक्षण हैं:
– रुक-रुक का बुखार आना
– भूख कम लगना
– शरीर में पीलापन और वजन का घटना
– तिल्ली और लिवर का आकार बढ़ना
– त्वचा सूखी और पतली होना
– बाल का झड़ना