एक-दूसरे को संभालने और मनोबल बढ़ाने के लिये मजबूती के साथ खड़े रहे.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
विश्व परिवार दिवस
World Family Day 2021 सबसे पहले एक कहानी। पिता पतंग उड़ा रहे थे। बेटा उन्हें ध्यान से देख रहा था। पतंग काफी ऊंची और दूर तक चली गई। वहां से वह बेटे को स्थिर नजर आने लगी। पतंग को एक ही जगह पर देख बेटे ने पिता से कहा, ‘पापा, आपने पतंग की डोर पकड़ रखी है उसे बांध रखा है, इसलिए वह आसमान में और ज्यादा आगे नहीं जा पा रही है। पिता ने बेटे की बात सुनी, थोड़ा मुस्कुराए और हाथ में पकड़ी डोर को तोड़ दिया। बंधन से मुक्त होकर पतंग थोड़ा ऊंची तो गई लेकिन फिर हिचकोले खाती हुई तेजी से नीचे आने लगी और मैदान में गिर गई। पतंग के नीचे गिरने से दुखी और निराश बेटा सोचने लगा अब तो पतंग डोर से आजाद हो गई थी, फिर कैसे लड़खड़ा गई?
बेटे का दुख समझ पिता ने उसे प्यार से समझाया और कहा कि बेटा हम अपने जीवन में सफलता की ऊंचाइयां छूने लगते हैं और ढेर सारा धन कमा लेते हैं तो हमें लगने लगता है कि हम पर अन्य जिम्मेदारियां नहीं होतीं तो हम और तरक्की करते। घर-परिवार, संस्कार के बंधनों में नहीं बंधे होते तो और आगे जाते। ऐसे में हर बंधन से मुक्त होना चाहते हैं। हमें भार लगने लगते हैं हमारे संस्कार, घर-परिवार। लेकिन जब हमें कोई दुख होता है तो हम इन्हीं संबंधों को ढूंढ़ते हैं। खुशी उसी घर में आती है, जहां परिवार एकजुट होता है और उनके सुख-दुख साझा होते हैं।
वटवृक्ष है परिवार : कोरोना काल से पहले एक समय ऐसा आ गया था कि एकल परिवार को पाल कर हमने मान लिया था कि कमाओ और लुटाओ,बस यही जिंदगी है। लेकिन अब जब जान पर बन आने का खतरा चहुंओर मंडरा रहा है तो हम एक-दूसरे का साथ खोज रहे हैं। मान रहे हैं कि परिवार साथ है तो हर मुश्किल का सामना कर लेंगे। तो अब सही समय है संकल्प लेने का कि परिवार की जड़ें मजबूत करेंगे और परिवाररूपी मजबूत वटवृक्ष को जिंदगी की तेज हवाओं के सामने झुकने न देंगे।
जीवन रक्षक जैकेट: जब इन दिनों हम जीवन बचाने की मुहिम में जुटे हैं तो समझ में आता है कि इसे आगे बढ़ाने में अपनों की परवाह का क्या योगदान है। जब जीवन में संकट के बादल छाते हैं, उफान आता है तो उफान खाते हुए समुद्र में बचाता है परिवार का जीवनरक्षक जैकेट। आपकी वास्तविक खुशी का राज दरअसल अपनों का साथ है। यह जैकेट सुरक्षित रहे, इसके लिए जरूरी है कि हम परिवार की मजबूती को बनाए रखने का संकल्प लें। जीवनशैली विशेषज्ञ रचना खन्ना सिंह कहती हैं, ‘परिवार को मजबूत बनाने के लिए हम आपसी मतभेद भूल जाएं। सकारात्मक चीजों पर फोकस करें। इस समय माहौल वैसे भी नकारात्मक हैं और ऐसे में अगर हम परिवार की नकारात्मक बातों पर फोकस करेंगे तो नकारात्मकता और ज्यादा बढ़ेगी। यह समय परिवार के साथ हंसी-खुशी रहने का है। किसी को नहीं पता कि कल क्या होने वाला है। हम टाइम बम पर बैठे हैं। हमारा एक-एक पल खुशनुमा होगा अगर हम संबंधों को महत्व दें। बाहर तनाव है, ऐसा लग रहा है कि युद्ध के मुहाने पर हैं। नाव डूब रही है तो सभी को परिवार की जीवनरक्षक जैकेट पहन एक साथ उसे आगे बढ़ाना है।’
घर में बढ़ाएं सकारात्मकता: कोरोना की पहली लहर में हम कह रहे थे कि अगर हम पांच लोग भी साथ हैं तो इस कठिन समय को निकाल देंगे, लेकिन अब दूसरी लहर में तो हम मान रहे हैं कि परिवार में तीन लोग भी साथ हैं तो सौभाग्यशाली हैं। इस समय परिवार और नजदीकी दोस्तों का साथ महत्वपूर्ण है। लाकडाउन में कोई परिवार ऐसा नहीं है जो मुश्किलों से न गुजर रहा हो,सदमे न झेल रहा हो। आज सब एक दूसरे का सहयोग करके यह कठिन समय निकालें। घर का माहौल सकारात्मक रखें। यह सब तो एक-दूसरे की मदद से ही हो सकता है। इस समय हम शून्य पर हैं। सभी से कटे हैं लेकिन परिवार ही हमारी गाड़ी को आगे लेकर जाएगा। संयुक्त परिवार की जरूरत महसूस की जाने लगी है।
आइए संकल्प लें..
- सिर्फ अपने बारे में ही सोचने के बजाय घर के दूसरे सदस्यों के बारे में भी सोचेंगे।
- अपने मन का न होने पर ऊंचे स्वर में बात करने के बजाय पूरे मामले को प्यार से निपटाएंगे।
- परिवार के सदस्यों के बीच आपसी समझदारी विकसित करने का प्रयास करेंगे।
- बड़ों से सम्मान के साथ बात करेंगे।
- परिवार में किसी को जरूरत हो तो उसकी मदद के लिए पहल करेंगे।
- अपनी जिम्मेदारी को समझेंगे। घर के कामों में बराबर हाथ बटाएंगे।
- घर में एक-दूसरे को प्रोत्साहित करेंगे। प्रोत्साहन हर इंसान के लिए जरूरी है।
- गुस्से को खुद से दूर रखने का प्रयास करेंगे।
- प्रेम से परिवार की नींव मजबूत करेंगे।
- किसी के काम में दोष नहीं निकालेंगे।
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