राज्य-स्वामित्व वाली ‘पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन’ (PFC) को ‘महारत्न’ का दर्जा दिया गया.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

सरकार ने राज्य-स्वामित्व वाली ‘पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन’ (PFC) को ‘महारत्न’ का दर्जा दिया है।

  • इससे संबंधित आदेश वित्त मंत्रालय के तहत ‘सार्वजनिक उद्यम विभाग’ द्वारा जारी किया गया है।
  • ‘पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन’ ‘महारत्न’ कंपनियों की प्रतिष्ठित श्रेणी में प्रवेश करने वाली देश की 11वीं राज्य-स्वामित्व वाली इकाई बन गई है। ज्ञात हो कि इस श्रेणी में ‘पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन’ के अलावा ओएनजीसीइंडियन ऑयल कॉर्पोरेशनस्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) जैसी विशिष्ट कंपनियाँ शामिल हैं।

प्रमुख बिंदु

  • ‘महारत्न’ का दर्जा:
    • ‘महारत्न’ व्यवस्था की शुरुआत वर्ष 2010 में सार्वजनिक क्षेत्र के बड़े उद्यमों को वैश्विक दिग्गज बनाने के उद्देश्य से की गई थी।
      • ‘केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों’ (CPSEs) का आशय उन कंपनियों से है, जिनमें केंद्र सरकार या अन्य CPSE की प्रत्यक्ष हिस्सेदारी 51% या उससे अधिक होती है।
    • ‘महारत्न’ का दर्जा उस कंपनी को दिया जाता है जिसने लगातार बीते तीन वर्षों में 5,000 करोड़ रुपए से अधिक का शुद्ध लाभ प्राप्त किया है अथवा बीते तीन वर्षों के लिये उसका औसत वार्षिक कारोबार 25,000 करोड़ रुपए था या फिर बीते तीन वर्षों के लिये उसका औसत वार्षिक शुद्ध मूल्य 15,000 करोड़ रुपए है।
      • ‘केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों’ के लिये भारतीय स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने हेतु ‘नवरत्न’ का दर्जा प्राप्त करना अनिवार्य है।
      • सरकार ने CPSEs को महारत्न, नवरत्न और मिनीरत्न का दर्जा देने के लिये मानदंड निर्धारित किये हैं।
  • पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन (PFC):
    • वर्ष 1986 में स्थापित ‘पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन’ विद्युत मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत बिजली क्षेत्र हेतु समर्पित व्यापक बुनियादी अवसंरचना वित्त कंपनी है।
  • महत्त्व

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