नौतन पिपरा हनुमान मन्दिर में हुआ भगवान परशुराम की प्रतिमा का अनावरण

नौतन पिपरा हनुमान मन्दिर में हुआ भगवान परशुराम की प्रतिमा का अनावरण
-ब्राह्मण छात्रावास बनाने का लिया गया संकल्प
-पूर्व एमएलसी समेत दर्जनों ब्राह्मण नेता हुए शामिल
-विश्व प्रसिद्ध कथवाचक राजन जी महाराज भी हुए शामिल

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श्रीनारद मीडिया, नौतन , सीवान (बिहार):

सीवान जिले के नौतन थाना क्षेत्र के पिपरा हनुमान मन्दिर के प्रांगण में सोमवार को भगवान परशुराम जी का मूर्ति स्थापना किया गया।

पूर्व से चल रहे कार्यक्रम के बाद सोमवार को स्थापना किया गया।स्थापना के बाद एक सभा का आयोजन भी किया गया। सभा की अध्यक्षता पूर्व जिलापरिषद अध्यक्षा लीलावती गिरी नें किया। मंच संचालन जयप्रकाश पांडेय नें किया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए अनिल तिवारी नें कहा की सिवान जिले में पहला परशुराम भगवान की मूर्ति की स्थापना नौतन में हुआ है,यह तो बहुत ही अच्छी बात है। लेकिन सिवान जिले में एक ब्राह्मण छात्रावास की अति आवश्यकता है। जिले के प्रत्येक ब्राह्मण परिवार से सिर्फ एक ईंट, एक जनेऊ और एक रूपये का सहयोग लिया जाए तो भी ब्राह्मण छात्रावस बनाना सम्भव हो सकता है।जिसमे गरीब ब्राह्मणो के बच्चों को जिले में रहकर उच्च शिक्षा लेने के अवसर खुल जायेंगे।

वहीं अपने सम्बोधन में लीलावती गिरी नें कहा की जिस तरह एक वर्ष में भगवान परशुराम जी के मूर्ति की स्थापना किया गया। उसी ऊर्जा से,उसी जोशो खरोष से आगामी एक वर्ष के अंदर सिवान शहर में छात्रावस बनाने का कार्य किया जायेगा।

पूर्व प्रमुख किशोर गिरी नें कहा की ब्राह्मण समाज को सभी सदन में भेजनें की आवश्यकता है, जिससे सदन में ब्राह्मणो के समस्या पर चर्चा कर सके ।

पूर्व एमएलसी टुन्ना जी पाण्डेय नें बताया की भगवान के सभी अवतारों का नाम लेने पर किसी समाज के लोगों को आपत्ति नहीं होता हैं।लेकिन भगवान परशुराम का नाम लेने पर बहुत से लोगों को बुरा लग जाता है।लेकिन हम अपने आराध्य की जयकार अवश्य करेंगे।साथ ही इनपर कोई भी टिका टिप्पड़ी बर्दाश्त नहीं करेंगे।

पूर्व विधानसभा प्रत्याशी विनोद तिवारी नें अपने सम्बोधन में कहा की सृष्टि में एक ब्राह्मण के पास ही शास्त्र और शस्त्र दोनों रहता है।ज़ब समाज सुधार की जरूरत पडती है तो ब्राह्मण ही आताताइयों को समाप्त करने के लिए परशुराम तो कभी चन्द्रगुप्त को सम्राट बनाने के लिए चाणक्य बन जाता है।आवश्यकता पर चाणक्य बनाकर विश्व पर शासन करने वाला चाणक्य नीति लिख देते हैं।ब्राह्मण ही जरूरत पर कभी कौटिल्य बनकर अर्थशास्त्र का ब्याख्या करता है।

 

इस मौक़े पर कथा वाचक राजन जी महाराज, राधेश्याम दूबे, प्रवीण तिवारी, चंद्र प्रकाश दूबे,द्विजेंद्र पाण्डेय, विनीत तिवारी, सोनू तिवारी, सुग्रीव पाण्डेय, रमेश मिश्र, मुन्ना पाण्डेय, जनार्दन ओझा,देवेंद्र मिश्र, किशोर गिरी,धनञ्जय पाण्डेय, शशि उपाध्याय,आदित्य पाण्डेय समेत सैकड़ो लोग उपस्थित थे।

कार्यक्रम का आयोजन युवा नेता पंडित शोभित तिवारी ने किया था।

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