शुतुरमुर्ग जैसा व्यवहार बंद हो-राज्यपाल धनखड़.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ सोमवार को बागडोगरा एयरपोर्ट पहुंचे. दरअसल, अलीपुरदुआर के बीजेपी सांसद जॉन बरला ने उत्तर बंगाल को अलग केंद्रशासित प्रदेश बनाने की मांग की है. इस मांग के बाद राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने उत्तर बंगाल के एक सप्ताह का दौरा करने की घोषणा की है. इसी यात्रा के दौरान राज्यपाल धनखड़ बागडोगरा एयरपोर्ट पहुंचे. इस दौरान जगदीप धनखड़ ने पत्रकारों के सवालों का जवाब दिया.
एयरपोर्ट के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सीएम ममता बनर्जी सरकार पर जोरदार हमला बोला. इसके अलावा राज्यपाल धनखड़ ने पिछले दिनों दिल्ली यात्रा को लेकर भी अपनी बातों को मीडिया के सामने रखा. उत्तर बंगाल पहुंचे राज्यपाल ने कहा कि बंगाल में स्थिति बहुत खराब है. ममता बनर्जी चुप हैं. शुतुरमुर्ग जैसा व्यवहार बंद होना चाहिए.
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा है कि बंगाल में चुनाव नतीजे निकलने के बाद भी हिंसा जारी है. रिजल्ट निकलने के सात हफ्तों के बाद भी हिंसक घटनाएं हो रही हैं. देश में आजादी के बाद सबसे डरावनी हिंसा बंगाल की धरती पर देखने को मिल रही है. उन्होंने ममता सरकार से सवाल किया है कि संविधान, राज्यपाल और केंद्र सरकार से इतना टकराव क्यों हो रहा है? आखिर राज्य की ममता सरकार हिंसा पर रोक क्यों नहीं लगा पा रही है? किसका इंतजार किया जा रहा है?
राज्यपाल जगदीप धनखड़ के मुताबिक हमारे लिए देश का संविधान और न्याय प्रणाली बेहद अहम है. हमेशा सरकार, कानून और कोर्ट के बीच समन्वय हो. दिल्ली यात्रा के पहले सीएम ममता बनर्जी को राज्य की कानून-व्यवस्था को लेकर खत लिखा था. उन्हें हिंसा पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे. चुनावी हिंसा की जांच में किसी तरह की ऊंच-नीच नहीं की जानी चाहिए. अगर किसी को जांच से दिक्कत है तो उसकी बात सुनी जाए. जांच पर विवाद नहीं किया जाना चाहिए.
दरअसल, अलीपुरदुआर के बीजेपी सांसद जॉन बारला ने उत्तर बंगाल को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग की है. इसके बाद सोमवार से राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने उत्तर बंगाल के सात दिनों के यात्रा की शुरुआत की है. इसके पहले सीएम ममता बनर्जी ने उत्तर बंगाल से जुड़े किसी भी फैसले पर सहमति नहीं देने का ऐलान किया था. दूसरी तरफ टीएमसी ने बीजेपी के सांसद जॉन बारला के खिलाफ दिनहाटा थाने में मामला दर्ज कराकर कार्रवाई की मांग की है.
पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने आरोप लगाया है कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ बंगाल की जनता को बदनाम कर रहे हैं, क्योंकि उन्होंने चुनाव में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी की सरकार बनायी. तृणमूल सांसद ने कहा कि बंगाल की जनता को चुनाव के बाद हिंसा के मुद्दे पर बदनाम करने की कोशिश कर रहे राज्यपाल जगदीप धनखड़ को जल्द से जल्द उनके पद से हटाया जाये.
हाल ही में बंगाल के राज्यपाल पांच दिवसीय दौरे पर दिल्ली गये थे. वहां उन्होंने राष्ट्रपति के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत कई केंद्रीय नेताओं से मुलाकात की. बताया जाता है कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री को बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा पर एक रिपोर्ट भी सौंपी. राज्यपाल शनिवार को पांच दिन के दौरे के बाद बंगाल लौटे.
गवर्नर के लौटने से पहले राज्यसभा में टीएमसी के मुख्य सचेतक सुखेंदु शेखर रॉय ने यह भी आरोप लगाया कि जगदीप धनखड़ ‘छिटपुट घटनाओं’ को चुनाव बाद की हिंसा करार देकर दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अन्य केंद्रीय नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं, जोकि बेहद गहरी राजनीतिक साजिश है.
बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बृहस्पतिवार और शनिवार को अमित शाह से मुलाकात की थी और माना जा रहा है कि बैठक के दौरान उन्होंने गृह मंत्री को राज्य की कानून-व्यवस्था के बारे में अवगत कराया. श्री रॉय ने संवाददाताओं से कहा कि राज्यपाल दिल्ली में अमित शाह के दरबार में चक्कर लगा रहे हैं. ऐसा करके वह राज्य और इसके लोगों को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं, जिन्होंने ममता बनर्जी को चुना है.
राज्यसभा के सांसद सुखेंदु शेखर ने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव में 200 से अधिक सीटें जीतने का दावा नाकाम होने पर भाजपा साजिश रचने में व्यस्त है और राज्यपाल भगवा खेमे के भोंपू की तरह बर्ताव कर रहे हैं.
अमित शाह से मुलाकात के बाद श्री धनखड़ ने कहा कि यह वक्त हमारे लिए लोकतंत्र, संविधान और कानून में विश्वास बनाये रखने का है. उन्होंने अपील की कि सभी नौकरशाह और पुलिसकर्मी अचार संहिता और नियमों का पालन करें. धनखड़ ने शुक्रवार को अंतिम समय में राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति पर केंद्रीय गृह मंत्री से चर्चा के लिए दिल्ली से कोलकाता लौटने का कार्यक्रम बदल दिया था.
श्री शाह से मिलने के बाद राज्यपाल ने कहा कि हम लोकतंत्र, संविधान और कानून के साथ समझौता नहीं कर सकते हैं. राज्यपाल ने आगे कहा कि जब मैंने चुनाव के बाद हुई हिंसा से प्रभावित इलाकों का दौरा किया. यह मेरे लिए काफी कष्टदायक था. देश ने चुनाव के बाद ऐसी हिंसा कभी नहीं देखी.
नौकरशाहों और पुलिस अफसरों से धनखड़ की अपील
जगदीप धनखड़ ने कहा कि लोकतंत्र में आपने अपनी मर्जी से और हमारे खिलाफ वोट करने की हिम्मत कैसे की, इसलिए आपके वोट के लिए आपको दंडित किया जायेगा. उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद इस तरह की हिंसा आजादी के बाद की सबसे खराब स्थिति है. साथ ही राज्यपाल ने कहा कि यह हमारे लिए लोकतंत्र, संविधान, कानून के शासन में विश्वास करने का अवसर है. वह नौकरशाहाें और पुलिस से अपील करते हैं कि वे अपनी आचार संहिता और नियमों को सीमित रहें.
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने अपने पांच दिवसीय दिल्ली दौरे के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी से मुलाकात की. इसके अलावा उन्होंने केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी, केंद्रीय सूचना व संस्कृति मंत्री प्रह्लाह सिंह पटेल, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा सहित अन्य पदाधिकारियों के साथ बैठक की.
राष्ट्रपति, गृह मंत्री को कानून-व्यवस्था पर दी रिपोर्ट
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राज्यपाल ने राष्ट्रपति व गृहमंत्री को बंगाल में कानून-व्यवस्था की मौजूदा स्थिति पर रिपोर्ट सौंपी है और हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है. कोलकाता से नयी दिल्ली रवाना होने के पहले भाजपा विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें राज्य में कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति को लेकर रिपोर्ट सौंपी थी. इसके बाद राज्यपाल ने संवाददाता सम्मेलन कर कहा था कि बंगाल में लोकतंत्र आखिरी सांसें गिन रहा है.
दिल्ली रवाना होने से पहले उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कड़ी चिट्ठी भी लिखी थी और चुनाव बाद हिंसा पर उनकी खामोशी पर सवाल उठाया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि एक माह बीत जाने के बावजूद हिंसा को लेकर राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कोई चर्चा नहीं हुई है. उन्होंने ट्विटर पर इस पत्र को शेयर भी किया था. उनके इस कदम की राज्य के गृह विभाग ने मानदंडों का उल्लंघन बताकर आलोचना की थी.
पश्चिम बंगाल में लगातार तीसरी बार सत्ता पर काबिज होने वाली ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ के दिल्ली दौरे पर सवाल उठाया है. गौरतलब है कि गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बंगाल में हिंसा को सिरे से खारिज करते हुए केंद्र सरकार और राज्यपाल पर ही गंभीर आरोप लगाये थे.
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