हिजाब में लड़कियों को स्कूल जाने से रोकना भयावह-मलाला यूसुफजई.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

कर्नाटक का हिजाब विवाद स्कूलों और कॉलेजों से निकलकर राजनितिक गलियारों में पहुंच गया है. देश के साथ-साथ विदेशों से भी मामले पर प्रतिक्रिया आने लगी हैं. इसी सिलसिले में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. यूसुफजई ने कहा है कि यह भयावह है. मलाला ने ट्वीट कर कहा कि, हिजाब में लड़कियों को स्कूल जाने से रोकना भयावह.

मलाला का ट्वीट: कर्नाटक के स्कूलों और कॉलेजों में हिजाब को लेकर छिड़े विवाद पर मलाला यूसुफजई ने ट्वीट कर कहा है कि, कॉलेज में हमें पढ़ाई और हिजाब के बीच किसी एक का चयन करने के लिए मजबूर किया जा रहा है. हिजाब में लड़कियों को स्कूल जाने से मना करना भयावह है. कम या ज्यादा पहनने के लिए महिलाओं के प्रति एक नजरिया बना रहा है. भारतीय नेताओं को चाहिए कि वे मुस्लिम महिलाओं को हाशिए पर जाने से रोकें.

गौरतलब है कि हिजाब विवाद सड़क से अदालत तक सुनाई देने लगा है. धीरे-धीरे इसपर राजनीतिक रंग भी चढ़ने लगा है. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी भी सीधे तौर पर लड़ाई में कूद गई हैं. उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि, बिकिनी, घूंघट, हिजाब या जींस पहनना है या नहीं यह तय करना महिला का अधिकार है. उन्हें यह अधिकार भारतीय संविधान देता है. उन्होंने कहा कि महिलाओं को प्रताड़ित करना बंद करें.

इधर, हिजाब विवाद को देखते हुए कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई ने राज्य के सभी हाई स्कूल और कॉलेजों को 3 दिनों के लिए बंद कर दिया है. उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. साथ ही उन्होंने छात्रों और स्कूल-कॉलेज प्रबंधन से शांति बनाए रखने की अपील की. इधर, छात्राओं की याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत में आज मामले पर सुनवाई है. जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित ने कहा कि कुछ शरारती तत्व ही इस मामले को तूल दे रहे हैं.

हिजाब विवाद पर सुनवाई करते हुए कर्नाटक हाईकोर्ट ने आज कहा कि यह मसला संवैधानिक अधिकारों से जुड़ा है इसलिए इसपर कोर्ट की बड़ी बेंच सुनवाई करेगी. यह कहते हुए कोर्ट ने हिजाब विवाद मामले को बड़ी बेंच में स्थानांतरित कर दिया.

कॉलेज परिसर के बाहर जमावड़े की इजाजत नहीं

कर्नाटक सरकार ने आज यह आदेश जारी किया है स्कूल, प्री-यूनिवर्सिटी और डिग्री कॉलेज के परिसर से 200 मीटर की दूरी तक किसी भी तरह के जमावड़े की इजाजत नहीं होगी. साथ ही किसी भी तरह के आंदोलन और विरोध प्रदर्शन की इजाजत भी नहीं होगी. यह आदेश अगले 15 दिनों तक जारी रहेगा.

गौरतलब है कि मंगलवार को कर्नाटक में हिजाब विवाद ज्यादा गहरा गया. कई कॉलेजों में हिजाब के समर्थक और भगवा शॉल धारी आमने-सामने आ गये और एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी की. मांड्‌या के एक कॉलेज में तो एक लड़की जो बुर्का पहनकर कॉलेज कैंपस में आयी थी, उसके सामने कुछ लोगों ने जय श्रीराम के नारे लगाये जिसके बाद लड़की ने अल्लाह हू अकबर के नारे लगाये.

दोनों पक्षों से शांति बनाये रखने की अपील

विवाद बढ़ने के बाद कर्नाटक सरकार ने तीन दिनों के लिए स्कूलों को बंद कर दिया और सभी पक्षों से शांति बनाये रखने की अपील भी की. कोर्ट ने भी मामले की सुनवाई करते हुए लोगों से शांति बनाये रखने की अपील की थी.

ओवैसी ने कहा नफरत फैलाने की कोशिश

विवाद के बढ़ने के बाद हिजाब मामले में राजनीति तेज हो गयी है. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह नफरत फैलाने की कोशिश है. जो बच्चियां स्कूल जाना चाहती हैं उन्हें हिजाब का बहाना बनाकर क्यों रोका जा रहा है. संविधान ने हमें इसका अधिकार दिया है.

लड़कियां क्या पहनेंगी यह वे तय करेंगी

वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने आज ट्‌वीट किया कि लड़किया बिकनी पहनना चाहें, साड़ी पहनना चाहें, जींस पहनना चाहें या फिर हिजाब पहनना चाहें यह उनका अधिकार है, इसके लिए उन्हें बाध्य नहीं किया जा सकता.

स्कूल में यूनिफॉर्म जरूरी : आदित्य ठाकरे

वहीं शिवसेना के नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि स्कूल-कॉलेज में यूनिफॉर्म है उसका पालन होना चाहिए. शिक्षण संस्थाओं में पढ़ाई होनी चाहिए उसे राजनीति का अड्डा बनाये जाने की जरूरत नहीं है. वहीं भाजपा ने हिजाब मामले को ड्रेस कोड से जोड़ते हुए इसे सबके लिए अनिवार्य बताया है.

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