NEET पेपर लिक होने को लेकर छात्र संगठन आइस ने किया विरोध प्रर्दशन।

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

छात्र संगठन आइस ने कहा कि NEET परीक्षा में हुई धांधली गरीब किसान मजदूर के बच्चे को शिक्षा से दूर करने के लिए सरकार जिस भ्रष्टचार नीति को अपना रही है इस भ्रष्टाचार नीति को वापस लेना होगा और NEET पेपर को रद्द करवाने के साथ साथ दोबारा से पेपर करवाने की मांग किया गया।

इस देश में आए दिन पेपर लिक का समस्या बढ़ता जा रहा है उत्तर प्रदेश,बिहार के साथ साथ अब देश स्तर पर भी पेपर लिक की संभावना बढ़ती जा रही है। पहले मार पीट और छुआ छूत दिखा कर के शिक्षा से वांछित रखने का काम किया जाता था लेकिन आज ये काम सरकार कर रही है नीति बना कर।

आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चे के उज्ज्वल भविष्य को लेकर संकट बढ़ता जा रहा है एनडीए गठबंधन की सरकार में। इस प्रदर्शन में आइस जिला अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार आइस राज्य सह सचिव प्रिंस पासवान,आरजेडी नगर अध्यक्ष रमेश कुमार यादव,भाकपा माले कार्यालय सचिव दयानंद कुशवाहा,कल्याण यादव,प्रदीप राम इत्यादि साथी मौजूद रहे।

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित नीट परीक्षा में हाल ही में हुए कथित घोटाले को लेकर दिल्ली में शिक्षा मंत्रालय और एनटीए ऑफिस पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी), स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) और ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा) तीनों छात्र संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया गया

नीट यूजी परीक्षा परिणाम में अनियमितता के खिलाफ शिक्षा मंत्रालय पर अपना आक्रोश व्यक्त करने के लिए सैकड़ों छात्र एकत्र हुए. प्रदर्शनकारियों का कहना था कि यह विरोध प्रदर्शन एनटीए की निष्पक्ष और सुरक्षित परीक्षा आयोजित करने की क्षमता के बारे में बढ़ती चिंताओं के बीच हुआ है. हाल ही में कथित नीट घोटाला एजेंसी के इर्द-गिर्द कई विवादों के बाद हुआ है, जिसमें केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) में पेपर लीक भी शामिल है. इन घटनाओं ने न केवल छात्रों के लिए अत्यधिक तनाव और चिंता पैदा की है, बल्कि उनके भविष्य को भी खतरे में डाल दिया है.

प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षित परीक्षा आयोजित करने में बार-बार विफल होने के कारण एनटीए को पूरी तरह से खत्म करने का आह्वान किया. जेएनयूएसयू के उपाध्यक्ष अविजित घोष ने कहा कि छात्र नीट परीक्षा में कथित अनियमितताओं की स्वतंत्र और पारदर्शी जांच की मांग करते हैं. इसके साथ शिक्षा मंत्रालय से प्रवेश परीक्षाओं की अखंडता की रक्षा के लिए अधिक विश्वसनीय और सुरक्षित परीक्षा प्रणाली स्थापित करने की मांग करते हैं.

एसएफआई दिल्ली के संयुक्त सचिव सूरज एलमोन ने कहा कि एनटीए ने परीक्षा आयोजित करने के अपने दोषपूर्ण तरीकों के माध्यम से बार-बार छात्र समुदाय को धोखा दिया है. प्रदर्शन स्थल पर आयोजित जनसभा में जेएनयूएसयू अध्यक्ष धनंजय ने कहा कि आज पूरे देश में छात्र और युवा एनटीए द्वारा किए गए घोटालों के खिलाफ उठ खड़े हुए हैं, जबकि शिक्षा मंत्रालय चुप है.

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