Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
बिना लैब के ही विज्ञान की पढ़ाई करते सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी - श्रीनारद मीडिया

बिना लैब के ही विज्ञान की पढ़ाई करते सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी

बिना लैब के ही विज्ञान की पढ़ाई करते सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्री नारद मीडिया अरविंद रजक पंचदेवरी गोपालगंज

पंचदेवरी, :। जिले के हाई स्कूल व प्लस टू स्कूलों में संचालित लैब का पूरा लाभ छात्रों को नहीं मिल रहा है। कुछ ही स्कूल हैं जहां इनका नियमित संचालन हो रहा है। बाकि जगह खानापूर्ति अधिक हो रही है। कहीं शिक्षक के अभाव में लैब नहीं चल रहे। तो कहीं विभाग ने राशि नहीं दी है। जिले में प्रयोगशाला मद में वर्ष 2017-18 में 63 स्कूलों को 3-3 लाख व 27 स्कूलों को 5-5 लाख की राशि दी गयी। अभी जिले के 245 स्कूलों में से 90 स्कूलों में लैब की सुविधा है। लेकिन सभी जगह इनका नियमित संचालन नहीं हो रहा। इसका मुख्य कारण है विज्ञान शिक्षकों का न होना। विभाग में विज्ञान शिक्षकों की बहाली नही की है। जिला शिक्षा पदाधिकारी राजकुमार शर्मा ने बताया कि स्कूलों को नियमित छात्रों को लैब की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।

————
आधे से अधिक अपग्रेड हाई व प्लस टू विद्यालयों में लैब उपकरण नहीं

जिले के विभिन्न पंचायतों में इसी वर्ष 99 मध्य विद्यालयों को अपग्रेड कर उच्च विद्यालय में परिणत किया गया था। साथ ही विगत वर्ष उत्क्रमित हाई स्कूलों को पुन:अपग्रेड कर प्लस टू विद्यालय में परिणत कर दिया गया। परन्तु किसी भी अपग्रेड हाई व प्लस टू विद्यालयों को लैब उपकरण नहीं मिल पाया है। राशि नहीं होने से लैब की उपलब्धता नहीं हो पाई है। शिक्षकों का कहना है कि बच्चों के साथ शिक्षा विभाग खिलवाड़ कर रहा है। शिक्षकों के बिना बहाली के अपग्रेड हाई स्कूल व उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में बेसिक शिक्षकों से पढ़ाई कराई जा रही है।

————-
पढ़ाई के साथ प्रायोगिक कार्यों का महत्व

दसवीं और बारहवीं के विज्ञान विषय के छात्रों के लिए पढ़ाई के साथ प्रायोगिक कार्यों का अधिक महत्व है। इसके द्वारा रसायन, भौतिक, जीव विज्ञान विषय के प्रश्नों को प्रयोगशाला में प्रैक्टिकल के माध्यम से आसानी से समझाया जा सकता है। लेकिन प्रैक्टिकल कराने का कार्य अधिकांश स्कूलों में पूरी तरह से ठप पड़ी हुई है। जिले के अधिकांश हाई व प्लस टू स्कूलों में विज्ञान शिक्षकों की कमी है। प्रायोगिक पढ़ाई व परीक्षा के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है। अभिभावक बच्चों के भविष्य को लेकर चितित हैं। हाईस्कूल के पाठ्यक्रम में 80 अंक लिखित और 20 अंक का प्रैक्टिकल पर दिया जाना है। इसी तरह इंटरमीडिएट के विज्ञान वर्ग में 30 अंक का प्रैक्टिकल अनिवार्य होता है।

————–
जिले के शिक्षाविदों ने कहा

शिक्षाविद डॉ दुर्गाचरण पाण्डेय ने कहा कि विज्ञान की पूरी पढ़ाई प्रयोग पर निर्भर है, लेकिन जिले के अधिकांश सरकारी स्कूल बिना प्रयोगशाला के संचालित हो रहे हैं। इस वजह से स्कूलों में विज्ञान विषय के छात्र-छात्राओं को डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिiक बनने का सपना पूरा होता दिखाई नहीं दे रहा है। धर्मनाथ तिवारी ने कहा कि शिक्षा विभाग की लापरवाही भी छात्रों के सपनों को पूरा करने में बाधा बनी हुई है। स्थिति यह है कि स्कूलों में बिना प्रयोगशाला में प्रायोगिक कार्य कराए बिना विज्ञान विषय की पढ़ाई छात्रों को कराई जा रही है। जिससे विज्ञान का सही ज्ञान छात्रों को नहीं हो पा रहा है। जिस स्कूल में प्लस टू तक की पढ़ाई होती है वहां एक कमरा में केमिस्ट्री, फिजिक्स एवं जूलॉजी के प्रैक्टिकल के उपकरण ही नहीं रखा जा सकता है। तो प्रयोग करना दूर की बात है।

————–
क्या कहते हैं छात्र

पंचदेवरी प्रखंड क्षेत्र के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जमुनहां के वर्ग दशम की कृतिका कुमारी राय, अल्का कुमारी तिवारी, अन्नू कुमारी, सीमा कुमारी, किश्मिता कुमारी, शिवम मिश्रा, रौनक शाहि आदि प्रयोगशाला शिक्षा नहीं मिलने से अपने भविष्य को लेकर काफी चितित हैं। इन विद्यार्थियों ने बताया कि उनके विद्यालयों में प्रयोगशाला है। विज्ञान शिक्षक नहीं रहने से पढ़ाई नहीं होती। वहीं कुछ छात्रों ने वैज्ञानिक प्रयोगशाला शिक्षा तो दूर शिक्षक के अभाव में अन्य विषयों की पढ़ाई भी प्रभावित होने की बात कही। अधिकांश विद्यार्थी कोचिंग व ट्यूशन के सहारे पढ़ाई कर अपना भविष्य तलाश रहे हैं।

Leave a Reply

error: Content is protected !!