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लखनऊ सुपर जायंट्स ने शुक्रवार को सनराइजर्स हैदराबाद को 7 विकेट से हरा दिया है। इस जीत से लखनऊ की टीम 12 मैचों में 13 अंक के साथ तालिका में चौथे स्थान पर पहुंच गई और प्लेऑफ की रेस में बरकरार है। लखनऊ बनाम हैदराबाद मैच के दौरान दर्शकों के कारण मैच को कुछ देर के लिए रोकना पड़ा। दर्शक अंपायर के नो-बॉल के फैसले से नाराज छे ौर इस वजह से उन्होंने लखनऊ सुपर जायंट्स के डगआउट में कुछ चीजें फेंकी, जिसके कारण मैच को रोकना पड़ा। पूर्व क्रिकेटर्स सुनील गावस्कर और साइमन डुल ने मैच के बाद दर्शकों के व्यवहार की आलोचना की, जोकि ‘कोहली-कोहली’ का नारा भी लगा रहे थे।
यह घटना सनराइजर्स हैदराबाद की पारी के 19वें ओवर में घटी जब आवेश खान ने अब्दुल समद को गेंद बीमर की तरह फेंकी और तोत्रे ने इसे नो-बॉल नहीं करार दिया। सनराइजर्स हैदराबाद ने इसके बाद डीआरएस लिया लेकिन तीसरे अंपायर ने भी इसे वैध गेंद करार दिया। तीसरे अंपायर के फैसले के बाद समद के साथ बल्लेबाजी कर हेनरिच क्लासेन ने मैदानी अंपायरों से बात की क्योंकि टेलीविजन रीप्ले और ‘बॉल ट्रेकर’ में गेंद बल्लेबाज कमर के साथ विकेट के ऊपर से निकलती हुई दिख रही थी।
हैदराबाद के बल्लेबाज इस नो-बॉल से आगे बढ़ चुके थे और अगली गेंद पर क्लासेन ने चौका लगाया। लेकिन इस बीच लखनऊ सुपर जायंट्स के डगआउट पर किसी ने कुछ फेंका, जिसके कारण अंपायर को मैच को रोकना पड़ा। वे डगआउट की तरह गए। इस बीच लखनऊ की टीम के सदस्यय डगआउट को छोड़कर मैदान पर आ गए।
गावस्कर ने खिलाड़ियों और टीम स्टाफ के लिए उचित डग आउट उपलब्ध नहीं कराने के लिए हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन की आलोचना की। उन्होंने कहा, ”ये समझना मुश्किल है कि ज्यादातर डगआउट में फ्लेक्सी-ग्लास होते हैं। यहां पर बीच अम्ब्रेला जैसी चीज है, जिसमें कोई सुरक्षा नहीं है। हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन इन अस्थायी चीजों के बजाय उचित डगआउट बना सकता है। जाहिर है ये एक समस्या है, एक मुद्दा है।”
डुल ने कमेंट्री के दौरान कहा, ”उन्होंने वास्तव में इसे अपनी टीम के लिए बदतर बना दिया है।” यह निराशाजनक है कि उन्होंने क्या किया है, हम विवरण में नहीं जाएंगे कि उन्होंने क्या किया है लेकिन यह वास्तव में निराशाजनक है।”