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इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जोफरा आर्चर एक बार फिर अपनी फिटनेस के चलते क्रिकेट के मैदान से दूर हो गए हैं। उन्हें कोहनी की चोट दोबारा परेशान कर रही है। वह आईपीएल 2023 में मुंबई स्क्वॉड का हिस्सा थे लेकिन बीच सीजन ही वापस लौटे गए। आर्चर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जून में शूरू होने जा रही एशेज सीरीज से भी बाहर हो चुके हैं। आर्चर को मुंबई ने आईपीएल 2022 के मेगा ऑक्शन में 8 करोड़ रुपये में खरीदा था। वह उस सीजन चोटिल होने के कारण एक भी मैच नहीं खेल सके। मुंबई को 16वें सीजन में आर्चर से काफी उम्मीदें थीं मगर वह पूरी तरह फिट ना होने के कारण केवल 5 मैच ही खेल पाए। उन्होंने इस दौरान केवल 2 विकेट चटकाए।
आर्चर के मुंबई कैंप का साथ जल्द छोड़ने के बाद भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों के पूरे टूर्नामेंट के लिए उपलब्ध नहीं रहने पर सख्त कदम उठाया जाना चाहिए। उन्होंने यह बात मिड-डे के लिए लिखे कॉलम में कही। गावस्कर ने कहा, “मुंबई इंडियंस का जोफ्रा आर्चर को लेकर अनुभव क्या रहा? उन्होंने यह जानते हुए आर्चर पर दांव लगाया कि वह चोटिल है और अगले सीजन के लिए उपलब्ध होगा। उन्होंने आर्चर को मोटी रकम दी और बदले में उसने क्या दिया? वह 100 प्रतिशत फिट नहीं लग रहा था। उसे इसके बारे में फ्रेंचाइजी को बताना चाहिए था। टीम को तब पता चला जब वह आए। वह मुश्किल से अपनी सामान्य गति से गेंदबाजी कर पा रहा था। टूर्नामेंट के बीच में वह ट्रीटमेंट के लिए विदेश गया। वह पूरी तरह से फिट नहीं था लेकिन फिर भी आया।”
गावस्कर ने आगे कहा, ”अगर वह फ्रेंचाइजी के लिए प्रतिबद्ध था, जो शायद उसे ईसीबी से अधिक पैसे देती है तो ऐसे में उसे अंत तक ठहरना चाहिए था। भले ही वह मैच ना खेलता लेकिन फ्रेंचाइजी के लिए कमिटमेंट दिखाना चाहिए था। इसके बजाय, उसने यूके वापस जाने का विकल्प चुना।” पूर्व दिग्गज बल्लेबाज ने कहा, ”ऐसे में किसी खिलाड़ी को एक रुपये का भुगतान करने का कोई मतलब नहीं है, भले ही वह कितना भी बड़ा नाम क्यों ना हो। अगर वह पूरे टूर्नामेंट के लिए उपलब्ध नहीं रहता तो एक्शन लेना चाहिए। यह खिलाड़ी की च्वाइस है कि वह आईपीएल फ्रेंचाइजी या अपने देश लिए खेलना चाहता है। अगर वह आईपीएल के बजाय देश को चुनता है तो उसे फुल मार्क्स हैं। हालांकि, अगर वह आईपीएल चुनता है तो उसे अपने कमिटमेंट को पूरा करना होगा और इसके लिए कोई बहाना नहीं चलेगा। ऐसा तो उस वक्त बिलकुल ना हो जब टीम के लिए प्लेऑफ में क्वालीफाई करना महत्वपूर्ण हो।” .