दो हजार के नोट पर सुप्रीम कोर्ट का सुनवाई से इनकार
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
नहीं वापस होगा 500 का नोट
शक्तिकांत दास ने यह भी साफ किया कि 2000 के नोट के बाद 500 के नोट को वापस लेने या 1000 के नोट को फिर से शुरू करने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि लोगों को इस प्रकार के कयास नहीं लगाने चाहिए और इससे बचना चाहिए।
जानकारी के मुताबिक, क्लीन नोट पॉलिसी के तहत आरबीआई ने ये बड़ा फैसला लिया है। भारतीय रिजर्व बैंक के नए फैसले के मुताबिक, ये नोट 30 सितंबर 2023 के बाद जारी नहीं होंगे। क्या आप जानते हैं 2000 रुपये के नोट को कब शुरू किया गया था और इसके पीछे की वजह क्या थी ?
2000 रुपये का नोट कब शुरू हुआ था?
आपको साल 2016 याद तो होगा ही जब सरकार ने नोटबंदी का ऐलान करते हुए 500 और 1000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर कर दिया था। सरकार के इस फैसले से जनता में काफी आक्रोश देखने को मिला था। इन दोनों नोट को बैन होने के बाद सरकार ने 2000 रुपये का नोट (2000 ka note band news) लॉन्च किया। इस नोट को लेकर कई सारी बातें सामने आई थी कि इसमें कई सारे सिक्योरिटी फीचर्स दिए गए हैं।
नोटबंदी से क्या है इसका कनेक्शन?
बता दें, जिस समय नोटबंदी हुई थी उस समय 500 और 1000 रुपये के नोट अर्थव्यवस्था के 80 फीसदी हिस्सा थे, ऐसे में जब ये नोट चलन से बाहर हो गए, इनकी भरपाई करना RBI के लिए बड़ी चुनौती बन गया। रिपोर्ट में दावा किया गया था कि अगर सरकार लगातार 24 घंटे भी नोटों की छपाई करती, तब भी उस अंतर को पाट पाना मुश्किल रहता। इसी वजह से 2000 रुपये का नोट चलन में लाया गया। आंकड़े के मुताबिक साल 2017 तक 2000 रुपये नोट की अर्थव्यवस्था में 50 फीसदी हिस्सेदारी हो गई थी।
सर्कुलेशन में आई थी कमी
RBI के मुताबिक 2000 रुपये के नोट आमतौर पर लेनदेन में बहुत ज्यादा इस्तेमाल में नहीं कर रहे हैं। आरबीआई की क्लीन नोट पॉलिसी के तहत यह फैसला लिया गया है कि दो हजार रुपये के नोटों को चलन से हटा लिया जाए। हालांकि, आपके पास पुरा समय होगा की आप बैंक जाकर अपने पास रखे 2 हजार रुपये के नोट को बदल सकते हैं। बता दें, साल 2018-2019 में सरकार ने 2 हजार रुपये के नोट की छपाई बंद कर दी थी।
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