होली पर छूटेगा पसीना,फरवरी में सामान्य से ऊपर है दिन का तापमान.
गुलाबी ठंड से सराबोर नहीं होगी इस बार की होली
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
आमतौर पर हर साल गुलाबी ठंड में मनाया जाने वाला रंगों का पर्व इस बार खासी गर्मी में मनेगा। 18 मार्च को होली तक तापमान इतना रह सकता है कि पसीना छूटने लगेगा। भीगने पर ठंड नहीं लगेगी, बल्कि अच्छा महसूस होगा। यह स्थिति केवल दिल्ली-एनसीआर ही नहीं, बल्कि हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान सहित उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में रहेगी। अहम बात यह है कि अप्रैल, मई एवं जून के महीने खासा गर्म हो सकते हैं।
फरवरी में ही ठंड विदाई ले सकती है
हीट वेव यानी लू वाले दिनों की संख्या में भी वृद्धि संभावित है। गौरतलब है कि होली का त्योहार अमूमन मार्च के पहले अथवा दूसरे सप्ताह में पड़ता है। इस दौरान सर्दी अपनी वापसी की राह पर होती है और गर्मी दस्तक दे रही होती है। इसी कारण होली के समय गुलाबी ठंड का एहसास होता है। पानी में रंग घोलकर होली खेलने पर ठिठुरन सी महसूस होती है, लेकिन इस बार सर्दी फरवरी में ही विदाई लेने को आमादा है।
गुलाबी ठंड से सराबोर नहीं होगी इस बार की होली
पिछले करीब दो सप्ताह से दिल्ली में दिन का तापमान सामान्य से ऊपर चल रहा है। जानकारी के मुताबिक, फरवरी का औसत अधिकतम तापमान 23.2 डिग्री और मार्च का 29.6 डिग्री सेल्सियस होता है। किंतु इस बार फरवरी के तीसरे सप्ताह में ही यह 27 डिग्री पार हो चुका है और 28 फरवरी तक 29 डिग्री सेल्सियस को छू लेगा। न्यूनतम तापमान भी 10 से 11 डिग्री तक पहुंच गया है और माह खत्म होने तक 12 से 13 डिग्री तक पहुंचने की संभावना है। इस हिसाब से मार्च के तीसरे सप्ताह तक अधिकतम तापमान 36- 37 और न्यूनतम 16-17 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा। इसका मतलब साफ है कि इतने अधिक तापमान पर गर्मी में पसीना छूटना तय है। हालांकि बीच-बीच में पश्चिमी विक्षोभ आते रहेंगे, लेकिन गुलाबी ठंड से सराबोर होली की संभावना इस बार खत्म हो गई है।
पश्चिमी विक्षोभ में भी है इस बार बदलाव
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, इसके पीछे एक मुख्य वजह जलवायु परिवर्तन के कारण लगातार बढ़ रही चरम मौसमी घटनाएं तो हैं ही, मजबूत पश्चिमी विक्षोभ का अभाव भी है। पिछले 15 दिनों से कोई मजबूत पश्चिमी विक्षोभ नहीं आया है। आसमान लगातार साफ चल रहा है और धूप भी रोज खिल रही है। इसीलिए तापमान और गर्मी में इजाफा हो रहा है।
मौसम विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने बताया कि जलवायु परिवर्तन के असर से गत वर्ष विस्तारित मानसून में रिकार्ड बारिश हुई और सर्दी ने भी नए रिकार्ड बनाए। ऐसे में मार्च में अच्छी गर्मी पड़ना भी अब तय है। तेज धूप और 35-36 से ऊपर तापमान में पसीना निकलना भी स्वाभाविक है। इसलिए इसमें कोई संदेह नहीं कि इस बार होली पर ठंड नहीं, बल्कि गर्मी का एहसास होगा। इसके साथ ही अप्रैल, मई और जून में भीषण गर्मी का सामना करना पड़ सकता है।
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