टी.बी. बीमारी को जड़ से मिटाने के लिए गांवों में चलेगा खोजी अभियान

टी.बी. बीमारी को जड़ से मिटाने के लिए गांवों में चलेगा खोजी अभियान

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

• कोविड से संक्रमित हो चुके लोगों की होगी जांच
• एक-एक घर के लोगों का लिया जाएगा सैंपल

श्रीनारद मीडिया, चंद्रशेखर, छपरा (बिहार):

छपरा जिला में टीबी उन्मूलन की दिशा में स्वास्थ्य विभाग ने युद्धस्तर पर काम करना शुरू कर दिया है. टीबी (यक्ष्मा) से मुक्ति के लिए पूर्व से चली आ रही योजनाओं के साथ विभाग ने अलग से भी कार्यक्रम व अभियान का संचालन शुरू किया है. इसी क्रम मेंअब भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने नया अभियान शुरू करने का निर्देश जारी किया है, जिसके तहत जिले के सभी प्रखंडों में एक-एक गांव का चयन कर वहां टीबी के लक्षणों वाले मरीजों के साथ साथ स्वस्थ लोगों की भी बलगम जांच की जाएगी.

कोविड से उबर चुके लोगों की होगी जांच:

जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. रत्नेश्वर प्रसाद सिंह ने बताया कि सर्वप्रथम बीते तीन वर्षों में कोविड से संक्रमित हो चुके लोगों में टीबी की जांच की जायेगी. उसके बाद टीबी के लक्षणों वाले लोगों की जांच होगी.यदि इनमें से किसी की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, तो उसके संपर्क में रह चुके लोगों में टीबी की जांच की जाएगी. यह एक तरह से कोरोना जांच की तरह ही संचालित किया जाएगा. इस अभियान में चिह्नित गांव के एक-एक घर के सदस्यों की जांच की जानी है.

लक्षण दिखने पर तत्काल कराएं जांच :
सीडीओ ने बताया कि जिला अस्पताल से प्रखंड स्तर के स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी के मरीजों की जांच और इलाज की नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध है. दवा भी मुफ्त दी जाती है. स्वास्थ्य केंद्रों पर बलगम की जांच माइक्रोस्कोप एवं टूनेट, सीबीनेट मशीन द्वारा नि:शुल्क की जाती है. मरीजों की जांच के उपरांत टीबी की पुष्टि होने पर पूरा इलाज उनके घर पर ही डॉट प्रोवाइडर के माध्यम से नि:शुल्क करने का प्रावधान है.

नये रोगी चिह्नित होने पर परिवार के सदस्यों की होगी जांच:
नए रोगी चिह्नित होने पर उनके पारिवारिक सदस्यों को भी टीबी प्रीवेंटिव ट्रीटमेंट दिया जाता है, ताकि परिवार के अन्य सदस्यों में टीबी बीमारी नहीं फैले. टीबी के इलाज में सबसे जरूरी है लक्षणों की पहचान. जिन लोगों में सीने में दर्द, चक्कर, दो सप्ताह से ज्यादा खांसी या बुखार, खांसी के साथ मुंह से खून आना, भूख में कमीं और वजन कम होना आदि लक्षण हैं, तो वो टीबी की जांच अनिवार्य रूप से कराएं.

यह भी पढ़े

बिहार निकाय चुनाव की तारीखों का एलान, जानिए मतदान व मतगणना का नया डेट

आखिर 72 साल में भी चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति का कानून क्यों नहीं बना?

अमीरी और गरीबी के बीच बढ़ती खाई क्यों नहीं बनती राजनीतिक मुद्दा?

बिहार के सीवान में ज्वेलरी एवं बर्तन दुकान से लाखों की चोरी

रघुनाथपुर में नाबालिग बाइक सवार ट्रक के नीचे दबाा, मरने से बाल बाल बचा 

Leave a Reply

error: Content is protected !!