
जाति की जंजीरें: आज़ादी के बाद भी मानसिक गुलामी : प्रियंका सौरभ
जाति की जंजीरें: आज़ादी के बाद भी मानसिक गुलामी : प्रियंका सौरभ श्रीनारद मीडिया, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, हरियाणा आस्था पेशाब तक पिला देती है, जाति पानी तक नहीं पीने देती, कैसे लोग अंधभक्ति में बाबा की पेशाब को “प्रसाद” मानकर पी सकते हैं, लेकिन जाति के नाम पर दलित व्यक्ति के छूने मात्र से…