
चैत,चैती,चैता-भोजपुरी गवनई की पारंपरिक विरासत
चैत,चैती,चैता-भोजपुरी गवनई की पारंपरिक विरासत श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क शुरुआत होती है इस गवनई की, निम्नांकित पदों से- “अबला भवानी मैंया,तबला बजावे सारंगी बजावे महावीर रे चईतवा, सारंगी बजावे महावीर। गांव के ब्रह्म बाबा जोड़ीया बजावस कि नाचस दास कबीर रे चईतवा नाचस दास कबीर।” अब रोचक होगा यह जानना कि भवानी मैंया(देवी),महावीर जी,गांव के…