वादी न प्रतिवादी, 62 वर्षों से केवल तारीख पर तारीख.
वादी न प्रतिवादी, 62 वर्षों से केवल तारीख पर तारीख. श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क अब न वादी है, न प्रतिवादी। वह सिनेमा हॉल भी नहीं, जिसको लेकर मुकदमा चला। लेकिन, 62 साल बाद भी तारीख पर तारीख पड़ रही है। बिहार के बक्सर जिले के डुमरांव अनुमंडलीय कोर्ट का यह मामला चर्चा में है। इसके…