“फुलगेंदवा न मारो लागत करेजवा में चोट’ अजी फुल गेन्दवा न मारो, न मारो …”
“फुलगेंदवा न मारो लागत करेजवा में चोट’ अजी फुल गेन्दवा न मारो, न मारो …” श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क ये वो ठुमरी है, जिसका इस्तेमाल फ़िल्म ‘दूज का चांद’ (1964) में साहिर, रौशन और मन्ना डे ने किया था। दरअसल ये ठुमरी बहुत पहले एक तवायफ़ के द्वारा गाई गयी थी। जी हाँ, ‘तवायफ़’ क्योंकि…