पचरूखी आते ही याद आई ‘फेर ना भेटाई ऊ पचरूखिया’ पुस्तक।
पचरूखी आते ही याद आई ‘फेर ना भेटाई ऊ पचरूखिया’ पुस्तक। पचरूखी निवासी शिक्षाविद डाॅ.रमाशंकर श्रीवास्तव सर को कोटिश: नमन। श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क एक लंबे अंतराल के बाद सीवान के पचरुखी बाजार आना हुआ। आज दशहरा उत्सव के अन्तर्गत नवमी का त्यौहार है। पचरुखी के प्रखंड संसाधन केंद्र(बीआरसी) में पत्नी का शिक्षक प्रशिक्षण प्रारंभ…