हिंदी साहित्य में राष्ट्रीयता, नैतिकता, मानवता की त्रिवेणी बहा गए गुप्त जी
हिंदी साहित्य में राष्ट्रीयता, नैतिकता, मानवता की त्रिवेणी बहा गए गुप्त जी पाठक आईएएस संस्थान पर राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की जयंती पर विशेष परिचर्चा का आयोजन श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त ने हिंदी साहित्य को रीतिकालीन रुमानी अहसास से अलग ले जाकर राष्ट्रीय चेतना के संचार का माध्यम बनाया। उपनिवेशवाद के दौर में…