
क्या भारत में आरक्षण नीतियों पर पुनर्विचार करने के आवश्यकता है?
क्या भारत में आरक्षण नीतियों पर पुनर्विचार करने के आवश्यकता है? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क एक अच्छा लोकतंत्र नागरिकों को तौलता नहीं, बल्कि गिनता है (जम्हूरियत इक तर्ज़-ए-हुकूमत है कि जिस में/बंदों को गिना करते हैं तौला नहीं करते – अल्लामा इक़बाल)। यहाँ हर कोई समान देखा जाता है और उसका मूल्यांकन व्यक्तियों के रूप में…