नाक बंद करके, आंख बंद करके, कुछ नहीं बदलेगा,कैसे?

नाक बंद करके, आंख बंद करके, कुछ नहीं बदलेगा,कैसे? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क जागो मोहन प्यारे… कचरा देने का टाइम हो गया है। जी हां, हर सुबह लगभग साढ़े छह बजे, एक हंसता-गाता कचरे का ट्रक इंदौर की गली-सड़कों में गूंजता है। हर घर से लोग टोकरी-बाल्टी-डस्टबिन के साथ उसका स्वागत करते हैं। फिर सहूलियत…

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