मेरी माँ सुख,शांति व समृद्धि की प्रतीक रही- डॉ अशोक प्रियंवद
मेरी माँ सुख,शांति व समृद्धि की प्रतीक रही- डॉ अशोक प्रियंवद शक्ति, धैर्य व दृढ़ संकल्प की प्रतिमूर्ति थी माता राजेश्वरी राजेश पाण्डेय श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क “नास्ति मातृसमा छाया नास्ति मातृसमा गतिः। नास्ति मातृसमं त्राणं नास्ति मातृसमा प्रपा॥” (अर्थात मां की तरह ना कोई छाया दे सकता है ना ही कोई आश्रय ही दे…