अक्षयवर दीक्षित के स्मृति ग्रंथ लोकार्पण समारोह में जुटे विद्वान.
अक्षयवर दीक्षित के स्मृति ग्रंथ लोकार्पण समारोह में जुटे विद्वान. कवियों ने अपने काव्य पाठ से समारोह को किया सुशोभित. असहमति का सम्मान लोकतंत्र का प्राण है- मार्कंडेय दीक्षित. दैनिक जीवन में संत थे अक्षयवर दीक्षित-बृजभूषण तिवारी. आप अक्षय बट बाबा हैं जिनका कभी क्षय नहीं हो सकता है–प्रो.जयकांत सिंह जय श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क…