शिवाजी जी सामाजिक समरसता और सामाजिक न्याय के मंत्रदृष्टा थे।
शिवाजी जी सामाजिक समरसता और सामाजिक न्याय के मंत्रदृष्टा थे। श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क शिवाजी का नाम आते ही शौर्य और साहस की प्रतिमूर्ति का एहसास होता है। अपने सपनों को सच करके उन्होंने खुद को न्यायपूर्ण प्रशासक रूप में स्थापित किया। इतिहासकार भी मानते हैं कि उनकी राज करने की शैली में परंपरागत राजाओं…