क्या हमें अपना निजी अनुभव साझा नहीं करना चाहिए?

क्या हमें अपना निजी अनुभव साझा नहीं करना चाहिए? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क एक पुरानी सूक्ति है- ‘सत्यं ब्रूयात् प्रियम् ब्रूयान्नब्रूयात् सत्यमप्रियम्। प्रियम् च नानृतम् ब्रूयादेषः धर्मः सनातनः॥’ इसका अर्थ है, ‘सत्य बोलें। प्रिय बोलें। पर अप्रिय सत्य न बोलें। प्रिय हो पर तब भी झूठ न बोलें। यही सनातन धर्म है।’ इस मंगलवार को…

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