कुछ चमत्कारी आलोचक बिना किताब पढ़े ही आधा घंटा धाराप्रवाह बोल सकते हैं,कैसे?

कुछ चमत्कारी आलोचक बिना किताब पढ़े ही आधा घंटा धाराप्रवाह बोल सकते हैं,कैसे? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क व्यंग्य शिरोमणि हरिशंकर परसाई ने किसी वैष्णव के फिसलने पर एक व्यंग्य लिखा था, ‘वैष्णव की फिसलन।’ इधर पिछले दिनों हमारी नजर अचानक एक आलोचक के फिसलने पर पड़ी, तो हमें भी परसाई की परंपरा का अनुगमन करके…

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