स्वामी जी का सम्पूर्ण जीवन बहुआयामी व्यक्तित्व और कृतित्व का धनी रहा है।
स्वामी जी का सम्पूर्ण जीवन बहुआयामी व्यक्तित्व और कृतित्व का धनी रहा है। श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क “जिंदगी बड़ी होनी चाहिए लंबी नहीं”…. मात्र 39 वर्ष, 5 मास और 23 दिन की अल्पायु में जिन्होंनें चिरसमाधि प्राप्त की। जिन्होंनें इस अत्यल्प काल में ही वर्तमान भारत की एक सुदृढ़ आधारशिला प्रतिष्ठित की। भारतीय इतिहास के इस संकटमय…