तो दो वक्त की रोटी को तरसेंगे लोग, दुनिया के हर पांच में से एक देश का इकोसिस्टम ध्वस्त.
तो दो वक्त की रोटी को तरसेंगे लोग, दुनिया के हर पांच में से एक देश का इकोसिस्टम ध्वस्त. श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क बेमौसम बरसात, अबूझ पहेली जैसी मौसम की चाल और महामारी की मार, इन सबके तार एक बिंदु पर आकर जुड़ जाते हैं, वह है जलवायु परिवर्तन। हर छोटी-बड़ी जरूरत के लिए पर्यावरण…