चाक की लय पर थिरक रहा कुम्हारों का जीवन.
चाक की लय पर थिरक रहा कुम्हारों का जीवन. आधुनिकता की चकाचौंध में मिट्टी के दीयों का क्रेज हुआ कम. श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क दीप बिन दीपावली अधूरी मानी जाती है. इसलिए दिवाली को और ही अधिक विशेष बनाने के लिए कई महीनों से कुम्हारों का पूरा परिवार लग जाता है. तब जाकर हजारों दीये…