Breaking

प्रत्युत्तर, मेरी आत्मा की सच्ची अभिव्यक्ति नहीं, केवल और केवल प्रेमाभक्ति का प्रस्तुतीकरण है.कैसे?

प्रत्युत्तर, मेरी आत्मा की सच्ची अभिव्यक्ति नहीं, केवल और केवल प्रेमाभक्ति का प्रस्तुतीकरण है.कैसे? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क हे अतिप्रिय! ज्ञात हो कि भक्तिकालीन प्रेम विषयक शोध की जिस अवस्था तक मेरी चिन्तनदृष्टि पहुंच गई है। वहां पर कोई प्रत्युत्तर नहीं, कोई अहंकार या प्रतिस्पर्धा नहीं, ईर्ष्या, द्वेष, जलन से युक्त, घुटन से भरे वातावरण…

Read More
error: Content is protected !!