103 वर्ष बाद भी दीवारें सुनाती है क्रूरता की दास्तान.

103 वर्ष बाद भी दीवारें सुनाती है क्रूरता की दास्तान. डायर ने बिना रुके 10 मिनट तक चलवाईं थी गोलियां. श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क 13 अप्रैल 1919 बैसाखी का दिन। शांतमयी ढंग से सैंकड़ो लोग सभा कर रहे थे कि अचानक तंग गली से भारी संख्या में पुलिस फोर्स बंदूकें लिए अंदर घुसती है। सबसे आगे…

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