स्वतंत्रता के रणबांकुरों ने पीछे पलटकर नहीं देखा!
स्वतंत्रता के रणबांकुरों ने पीछे पलटकर नहीं देखा! श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क उस दिन आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। वह नौजवान एक किताब को लफ्ज दर लफ्ज पढ़ रहे थे और कभी आसमान की ओर, तो कभी जमीन की ओर मुंह किए आंसू बहाए चले जा रहे थे। लिखने वाले इतालवी विचारक…