सतुआन मनाने की परंपरा, पूजा विधि और महत्व.
सतुआन मनाने की परंपरा, पूजा विधि और महत्व. यह ग्रीष्म ऋतु के स्वागत का पर्व है. इस दिन सूर्यदेव राशि परिवर्तन करते हैं. इसलिए इसे मेष संक्रांति भी कहते हैं. श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क आम की बौरियां, कैरियों को पीसकर चटनी बनाना और साथ में सत्तू घोलकर पहले सूर्य देव को चढ़ाना और फिर प्रसाद…