समाजवाद को आकार देने में भारतीय न्यायपालिका की क्या भूमिका है?
समाजवाद को आकार देने में भारतीय न्यायपालिका की क्या भूमिका है? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क सर्वोच्च न्यायालय ने “समाजवादी” और “पंथनिरपेक्ष” शब्दों को प्रस्तावना से हटाने की याचिका को इस आधार पर अस्वीकार कर दिया कि यह संविधान के मूल ढाँचे के अभिन्न अंग हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने 42वें संशोधन, 1976 को बनाए रखा, जिसके तहत समाजवादी और पंथनिरपेक्ष शब्दों को…