क्या है वैदिक परंपरा और हमारा पितृलोक?
क्या है वैदिक परंपरा और हमारा पितृलोक? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क ऋग्वेद में एक प्रार्थना मिलती है-‘उदित होती हुई उषा, बहती हुई नदियां, सुस्थिर पर्वत और पितृगण सदैव हमारी रक्षा करें।’ यह प्रार्थना वैदिक संस्कृति में पितरों की भूमिका को रेखांकित करती है। वैदिक ऋषि अपनी परंपरा में पितरों की उपस्थिति को अनुभव करते हैं,…