जब चोरी हो गई गुरूजी की साइकिल…….
जब चोरी हो गई गुरूजी की साइकिल……. श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क धुंधलका होने लगा था । रात आसमान से उतरने लगी थी । कउड़ खामोश होने लगे थे । कभी – कभी पछुआ का झोंका कानों को यूं छूकर जाता जैसे नाग फुंफकार रहा हो । सड़कें वीरान पड़ी थीं । दूर से खड़ाऊं की…