मैंने उपन्यास पोस्ट बॉक्स नंबर 203 नालासोपारा आखिर क्यों लिखा–चित्रा मुद्गल.
मैंने उपन्यास पोस्ट बॉक्स नंबर 203 नालासोपारा आखिर क्यों लिखा–चित्रा मुद्गल साहित्य अकादमी में अपने उपन्यास”पोस्ट बॉक्स नंबर 203, नालासोपारा” को लेकर दिया गया वक्तव्य। श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क हां… मैं चित्रा मुद्गल स्वीकार करती हूं अपने पूरे होशो-हवास के साथ कि मैं एक अक्षम्य अपराधी हूँ। और शायद मैं अपनी आखिरी सांस तक भी…