देशहित से ज्यादा स्वयंहित की क्यों सोचते हैं नेता?
देशहित से ज्यादा स्वयंहित की क्यों सोचते हैं नेता? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क गांधी के तीन बंदरों की तरह-वक्त देखता नहीं, अनुमान लगाता है। वक्त बोलता नहीं, संदेश देता है। वक्त सुनता नहीं, महसूस करता है। आदमी तब सच बोलता है, जब किसी ओर से उसे छुपा नहीं सकता, पर वक्त सदैव ही सच को…