जब हम गुलाम थे तब एक थे, आजाद होते ही क्यों बंट गए–प्रो. संजय द्विवेदी.

जब हम गुलाम थे तब एक थे, आजाद होते ही क्यों बंट गए–प्रो. संजय द्विवेदी. श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क भारत की त्रासदी है कि बंटवारे की राजनीति आज भी यहां फल-फूल रही है। आजादी का अमृत महोत्सव मनाते हुए भी हम इस रोग से मुक्त नहीं हो पाए हैं। यह सोचना कितना व्यथित करता है…

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