
‘सुपर संसद’ के रूप में आपको स्वीकृति नहीं दी जा सकती है,क्यों?
‘सुपर संसद’ के रूप में आपको स्वीकृति नहीं दी जा सकती है,क्यों? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क भारतीय लोकतंत्र में विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका, खबरपालिका और समाजपालिका में पारस्परिक टकराव कोई नई बात नहीं है, लेकिन यह जनहित में होना और दिखाई देना चाहिए। लेकिन अब जिस तरह से अपनी नाकामियों और चरित्रहीनता को छिपाने के लिए…